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Wednesday, July 9, 2025 3:15:04 PM

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जीआरएपी से संबंधित उप-समिति ने वायु गुणवत्ता परिदृश्य की व्यापक समीक्षा की, संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी)/एनसीआर की समिति व संबंधित हितधारकों/एजेंसियों को धूल निवारण उपायों और उनकी निगरानी के संबंध में तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया

जीआरएपी से संबंधित उप-समिति ने वायु गुणवत्ता परिदृश्य की व्यापक समीक्षा की, संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी)/एनसीआर की समिति व संबंधित हितधारकों/एजेंसियों को धूल निवारण उपायों और उनकी निगरानी के संबंध में तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया
_____________ से स्वतंत्र पत्रकार _____________ की रिपोर्ट

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार आज (15 मई, 2024) दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 243 (‘खराब’ श्रेणी) दर्ज किया गया है। पिछले कुछ दिनों के दौरान दिल्ली-एनसीआर की औसत वायु गुणवत्ता में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने आज ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत कार्रवाई करने के लिए उप-समिति की बैठक की। इसका उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर की मौजूदा वायु गुणवत्ता परिदृश्य का जायजा लेना और आईआईटीएम/आईएमडी द्वारा दिल्ली-एनसीआर की समग्र वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमानों से संबंधित तकनीकी व विशेषज्ञ इनपुट का आकलन करना था।

इस क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा के दौरान यह बताया गया कि उच्च संवहन दर और पूर्ण शुष्क परिस्थितियों के साथ-साथ उच्च तापमान के कारण हवा की दिशा व गति तेजी से बदल रही है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में धूल का जमाव जारी है। इसके अलावा इस पर भी विचार-विमर्श किया गया कि एनसीआर व निकटवर्ती क्षेत्रों में कृषि अवशेष जलाने की बढ़ती घटनाओं और पड़ोसी राज्यों में जंगल की आग का भी दिल्ली-एनसीआर की समग्र वायु गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है।

जीआरएपी की उप-समिति ने वायु गुणवत्ता परिदृश्य की व्यापक समीक्षा करने के बाद एनसीआर के संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी)/समिति और संबंधित हितधारकों/एजेंसियों को निम्नलिखित कदमों को तत्काल उठाने का निर्देश दिया है:

✓ धूल निवारण उपायों और उनकी निगरानी पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्र के प्रमुख प्रदूषण हॉटस्पॉट में गहन अभियान चलाएं।

✓ क्षेत्र में जल छिड़काव और यांत्रिक सड़क सफाई उपकरणों की संख्या/आवृत्ति बढ़ाएं।

✓ एनसीआर व निकटवर्ती क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं और खुले में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) जलाने पर कड़ी निगरानी रखें और सभी निवारक उपाय सुनिश्चित करें।

✓ निर्धारित उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सड़क स्वामित्व एजेंसियों के अधीन धूल नियंत्रण और प्रबंधन कक्ष (डीसीएमसी) सभी सड़क निर्माण/रखरखाव परियोजनाओं पर कड़ी निगरानी रखें।

✓ एनसीआर राज्य पीसीबी/डीपीसीसी निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) परियोजना स्थलों पर सभी धूल नियंत्रण उपायों के कार्यान्वयन तंत्र को तीव्र करेंगे।

✓ सीपीसीबी के उड़न दस्ते भी आयोग के वैधानिक निर्देशों का उल्लंघन करने वाली परियोजनाओं/स्थलों के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए निरीक्षण को तेज करेंगे।

आने वाले दिनों में सभी संबंधित एजेंसियों के सहयोगात्मक और ठोस प्रयासों से दिल्ली के समग्र एक्यूआई में सुधार किया जा सकता है। इसके अलावा उप-समिति मौजूदा स्थिति पर कड़ी निगरानी करेगी और इसके अनुरूप दिल्ली-एनसीआर के वायु गुणवत्ता परिदृश्य की लगातार समीक्षा करेगी।

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