विभिन्न विभागों की भी होगी सहभागिता
रिपोर्ट : रियाज अहमद
बहराइच 17 जुलाई। प्रभागीय वनाधिकारी, कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग बी. शिव शंकर ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग कि सीमा से लगे हुये तमाम गाँवो में खासी आबादी रहती है जिससे मानवीय दबाव अत्यधिक होने कारण मानव वन्य जीव नकारात्मक अंतरापृष्ठ कि घटनाये प्रकाश में आती रहती है। इसके आलावा वन क्षेत्र के समीप बसे गाँवो के किसानों द्वारा बहुतायत में गन्ने कि खेती कि जाती है जिससे वन्य जीव वन क्षेत्रों से निकल कर गन्ने की फ़सल में आ जाते है जिससे खेतोँ में काम करने वाले किसानों और शौच आदि के लिए जाने वाले ग्रामीणों से वन्य जीवों का सामना होने से वन्य जीवो के हमले में कभी कभी जनहानि भी हो जाती है।
डीएफओ श्री शंकर ने बताया कि वर्षाकाल में जल भराव एवं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर मगरमच्छ/घड़ियाल अपने जलीय वास स्थल से बहकर ग्रामीण क्षेत्रों के जल श्रोतों में चले जाते है जिससे मनुष्यों और मवेशियों को खतरा उत्पन्न हो जाता है। उन्होंने बताया की मानव वन्य जीव संघर्षाे की घटनाओं में कमी लाये के लिए समय समय पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है। डीएफओ श्री शंकर ने तहसील मीहीपुरवा (मोतीपुर) में वन क्षेत्रों से सटे आबादी में सभी विभागों के माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे ताकि मानव और वन्य जीवों के संघर्ष में कमी लायी जा सके।
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