बहराइच 01 अगस्त। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय बधिरता बचाव एवं रोकथाम कार्यक्रम (एन0पी0पी0सी0डी0) के अन्तर्गत स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं बाल रोग विशेषज्ञ के एक दिवसीय (लेवल 3) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार जी ने प्रतिभागी चिकित्सकों को बताया कि जन्म के पश्चात बच्चे को बी.सी0जी0 एवं एम0एम0आर0 का टीका समय पर लगवाना चाहिए, और इस बारे में जनमानस को बताना चाहिए जिससे बधिरता की समस्या पर रोक लगाई जा सके। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने संचालित बधिरता बचाव व रोकथाम कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
प्रशिक्षण में डा. एस.के. वर्मा ने बताया कि बच्चों में बधिरता से बचाव हेतु गर्भवती महिला से मालूम कर लेना चाहिए की उसके परिवार में कोई व्यक्ति जन्म से गूंगा बहरा तो नही है यदि है तो जाँच करवा कर उचित इलाज करवाना चाहिए। यदि गर्भवती महिला को किसी प्रकार संक्रमण है तो सिफलिस, रूबैला (टार्च) की जाँच भी करवा कर इलाज करवाना चाहिए, इन दोनो बारियों से इनर इयर में पाए जाने वाले हेयर सेल के डैमेज होने का खतरा रहता है, और गर्भवती महिला द्वारा कोई आटोटाक्सिक दवा क्लोरोक्विन) जैसी दवाइयों का प्रयोग नही किया जाना चाहिए। जन्म के समय बच्चे में बर्थ एसफेक्सिया की समस्या तो नही हुई। उन्होनें बताया कि जन्म के समय यदि बच्चों को सर्दी जुकाम अधिक हो जाता है तो भी बधिरता की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
इस अवसर पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय सोलंकी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एस.के. गौतम, डा. आर.के. कुरील, डा. सुरेश कुमार वर्मा, डा स्वतंत्र कुमार त्रिपाठी, डा. मंत देव निगम, डा. आर.बी. वर्मा डा. अरशद जमाल सिद्दीकी, डा बृज मोहन प्रसाद, डा. ममता बसन्त, डा. रश्मि, डीपीएम सरजू खान, एफएलसी, एनसीडी विवेक श्रीवास्तव व मोहम्मद हारून, शरद श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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