Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Wednesday, April 23, 2025 4:00:20 PM

वीडियो देखें

कोंडागांव में किसानों की हुंकार* : *राकेश टिकैत और डॉ. राजाराम त्रिपाठी की आकस्मिक बैठक से उठे बड़े सवाल,* *बहु-स्तरीय खेती मॉडल से होगी किसानों की तकदीर बदलने की तैयारी

कोंडागांव में किसानों की हुंकार* : *राकेश टिकैत और डॉ. राजाराम त्रिपाठी की आकस्मिक बैठक से उठे बड़े सवाल,* *बहु-स्तरीय खेती मॉडल से होगी किसानों की तकदीर बदलने की तैयारी

रिपोर्ट : दीपक कुमार त्यागी / स्वतंत्र पत्रकार 

 

छत्तीसगढ़। कोंडागांव में किसान राजनीति की जमीन फिर से हिलने लगी है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के किसान नेताओं का 12 सदस्यीय दल आज सुबह अचानक अखिल भारतीय किसान महासंघ (AIFA) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजाराम त्रिपाठी के हर्बल स्टेट पहुंचा। देर रात कोंडागांव पहुंचे इस प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात अब किसान आंदोलन के एक नए मोड़ का संकेत दे रही है। चौधरी राकेश टिकैत जी राष्ट्रीय प्रवक्ता भाारतीय किसान यूनियन के साथ ही इस दल में

योगेन्द्र सिंह चौधरी युवा अध्यक्ष भाकियू, यूपी, प्रवीण क्रांति प्रदेश प्रभारी भाकियू छग, कृष्णा नरवाल प्रदेश उपाध्यक्ष भाकियूछग,तेजराम विद्रोही जी प्रदेश महासचिव भाकियू ,कमल कुश्वाहा जी सह-सचिव भाकियू, रविन्द्र सिंह कोषाध्यक्ष भाकियू, सन्नी गिल युवा प्रगतिशील किसान नेताएवं जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर सहित कई दिग्गज किसान नेता शामिल थे।

सुबह की ठंडी हवाओं के बीच मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म के ‘बईठका-हाल’ में जैसे ही किसान नेता जमा हुए, मां दंतेश्वरी हर्बल समूह की ओर से अनुराग कुमार ,कृष्णा नेताम और शंकर नाग ने अंगवस्त्रम भेंट कर किसान नेताओं का सम्मान किया गया। इसके बाद बस्तर और छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ-साथ देश के किसानों की प्रमुख समस्याओं पर खुली चर्चा हुई। लेकिन इस बैठक का असली आकर्षण रहा, डॉ. त्रिपाठी द्वारा विकसित बहु-स्तरीय खेती का कोंडागांव मॉडल। डॉ. त्रिपाठी ने टिकैत और सभी किसान नेताओं को ऑस्ट्रेलियाई टीक, काली मिर्च और औषधीय पौधों की खेती के साथ-साथ नेचुरल ग्रीन हाउस मॉडल की विस्तृत जानकारी दी, जो किसानों के लिए उच्च लाभदायक साबित हो रहा है।

यह बैठक महज एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। टिकैत की इस यात्रा से बस्तर और छत्तीसगढ़ में किसान आंदोलन को नई दिशा मिलने की उम्मीदें जताई जा रही हैं। खास बात यह है कि *यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि डॉ. त्रिपाठी वही शख्स हैं जिन्होंने सबसे पहले तीन विवादित कृषि कानूनों की खामियों को उजागर किया था। उन्होंने बिंदुवार व्याख्या करते हुए देशभर के किसानों को यह समझाया था कि यह तीनों कानून किस प्रकार कॉर्पोरेट के हित में बनाए गए हैं, और किसानों को लंबे समय में इससे कितना नुकसान हो सकता है।*

राकेश टिकैत, जो डॉ. त्रिपाठी के पुराने साथी और छोटे भाई जैसे माने जाते हैं, ने इस बहु-स्तरीय खेती के मॉडल को एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार आ सकता है।

जलपान के उपरांत यह दल बीजापुर में किसानों को संबोधित करने के लिए रवाना हुआ।

इस आकस्मिक बैठक के बारे में पूछे जाने पर डॉ. त्रिपाठी ने कहा, “राकेश टिकैत हमारे परिवार का हिस्सा हैं, और इस तरह की बैठकें किसानों की भलाई के लिए बहुत जरूरी हैं। हमारा कोंडागांव मॉडल खेती की दुनिया में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। अब समय आ गया है कि हम सभी किसान संगठनों को एकजुट होकर किसानों के हितों के लिए एक मजबूत आवाज बनें। आखिर, किसान संगठन इसी उद्देश्य के लिए ही तो होते हैं।”

बैठक के बाद से किसानों के बीच नई ऊर्जा का संचार हो गया है, और किसान आंदोलन की नई दिशा को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह बैठक देश के किसानों की तकदीर बदलने की शुरुआत होगी?

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *