दीपक कुमार त्यागी / स्वतंत्र पत्रकार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा आयोजित की गई “जनता अदालत” पिछले दस वर्षों में केजरीवाल सरकार की विफलताओं का सर्टिफिकेट है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की जनता अदालत में लोगों ने ज़रूर अपनी सुरसा जैसी समस्याओं के बारे में बताया होगा। सवाल यह है कि पिछले दस वर्षों में दिल्ली में विकास का कोई काम नहीं हुआ और आज दिल्ली बेहद बदहाल स्थिति है तभी केजरीवाल को जनता अदालत लगानी पड़ी जिसका मतलब साफ़ है कि ख़ुद केजरीवाल भी मानते हैं कि वो दिल्ली में शासन करने में फेल साबित हुए हैं।
प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कथित अदालत जनता के मुद्दों को सुनने और समाधान देने के नाम पर की जा रही है, लेकिन यह विशुद्ध रूप से एक राजनीतिक नौटंकी से ज़्यादा कुछ नहीं है।
प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि केजरीवाल जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने और चुनावी फायदा उठाने का तरीका ढूँढ रहे हैं। जनता के वास्तविक मुद्दों, जैसे पानी, बिजली, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर ध्यान देने की बजाय, अदालत एक राजनीतिक प्रचार अभियान है ।
प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान है तथा लोकतंत्र का मजाक और जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है क्योंकि इस प्रकार के राजनैतिक प्रपंच से जनता को वास्तविक मदद मिलने की उम्मीद नहीं है।
प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि केजरीवाल की जनता अदालत को जनता को गुमराह करने और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास बताया जो वास्तविक समस्याओं के समाधान से कोसों दूर है।
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