नई सुबह की ओर
सूरज की किरणें आई हैं,
नई उम्मीदें संग लाई हैं।
हर अंधियारा छंट जाएगा,
एक नया सवेरा आएगा।
चलो चलें हम रोशनी तक,
थामे सपनों की डोर।
छोड़ें दुख, गम और डर,
बढ़ें नई सुबह की ओर।
बादल चाहे छाए घने,
मन में हो उजियारा।
हार के आगे जीत है,
यह कर दें, साकार नजारा।
कदम-कदम पर लड़ी,जंग,
साहस अपना नहीं टूटा।
जीवन की हर मुश्किल में,
आशा का दीप ना छूटा।
नई राहों को चुनेंगे हम,
विश्वास भरा हो दिल में।
कर लें, जब पार चुनौती,
हो नाम,मेरा,काबिल,में।
कामरान, कक्षा 9, विद्यालय जवाहर लाल राष्ट्रीय इंटर कॉलेज नवाबगंज (बहराइच)
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