शिक्षा नीति के खिलाफ शिक्षक संघ शेखावत तेज करेगा आंदोलन
राज्य सरकार द्वारा 450 राजकीय विद्यालयों को बंद किया जा रहा है। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने राज्य सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
शिक्षक संघ के सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम घोर जनविरोधी, शिक्षाघाती और निंदनीय है। पूर्व में वसुंधरा राजे सिंधिया सरकार ने लगभग 23 हजार विद्यालयों को बंद कर दिया था और शिक्षकों तथा अभिभावकों के निरंतर विरोध के चलते बाद में सत्ता में आई अशोक गहलोत सरकार ने विद्यालयों को बंद करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई थी। सांकेतिक रूप से ही सही गहलोत सरकार ने कुछ नए विद्यालय भी खोले थे। परंतु वर्तमान सरकार ने नई शिक्षा नीति को लागू करते हुए फिर से विद्यालयों को बंद करना शुरू कर दिया है। इसीलिए स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया तथा राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का निरंतर विरोध करते आ रहे हैं। शिक्षा नीति 2020 लागू होने से न केवल अधिकांश विद्यालय बंद हो जाएंगे, बल्कि बचे हुए शिक्षकों के हितों पर भी कुठाराघात होगा। शिक्षा में नियमित रोजगार का रास्ता बंद हो जाएगा और बालक शिक्षा से वंचित रह जाएंगे।
उपशाखा के अध्यक्ष गजानंद बैरवा, उपशाखा मंत्री कालूलाल मीणा, प्रान्तीय प्रतिनिधि बाबूलाल बलवानी, जिला मंत्री धनराज मीणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महावीर मीना, जिला उपाध्यक्ष प्रेमप्रकाश बैरवा, समीउल्लाह खान, ओम प्रकाश प्रजापति मुकेश मेघवाल, ललित मीणा, महेंद्र मीणा ने दृढ़तापूर्वक मांग की है कि विद्यालयों को बंद करने की प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाई जाए। बंद किए गए विद्यालयों को पुनः खोला जाए और जन विरोधी शिक्षा नीति 2020 की क्रियान्विति को रोका जाए।
सरकार के निशाने पर बालिका विद्यालय
संगठन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अपने कदम वापस नहीं लिए तो विद्यालयों को बंद करने एवं शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ जारी आंदोलन को और तेज किया जाएगा। साथ ही सार्वजनिक शिक्षा के हितधारकों व शिक्षा से सरोकार रखने वाले नागरिकों को साथ लेकर जन आंदोलन संगठित किया जाएगा। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि सरकार ने विद्यालयों को बन्द करने के क्रम में बालिका विद्यालयों को विशेष रूप से निशाने पर लिया है। सरकार के इस निर्णय से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे का खोखलापन भी उजागर हो गया है।
आंदोलन में सक्रियता से सहभागिता का आह्वान
राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने सार्वजनिक शिक्षा को बचाने, शिक्षक हितों की रक्षा, छात्रों के शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार की सुरक्षा और बेरोजगार शिक्षकों के भविष्य की खातिर शिक्षक समुदाय से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ तथा विद्यालयों को बचाने के लिए संगठन द्वारा जारी आंदोलन में सक्रियता से सहभागिता करने का आह्वान किया है।
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