मांगों को लेकर जेके कर्मचारियों का अनिश्चित कालीन धरना 18 से
परिजनों के साथ सुबह 11 से 3 बजे तक कोटा कलेक्ट्रेट पर डालेंगे पड़ाव
इटावा/ कोटा। जेके सिंथेटिक्स मजदूर यूनियन, जेके टायर कॉर्ड मजदूर यूनियन व जेके स्टेपल एंड ऐक्रिलिक एम्प्लाइज यूनियन सीटू की कार्यकारणी की मीटिंग सीटू कार्यालय इंद्रा गांधी नगर में सम्पन हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के 20 अप्रैल 2023 के आदेश पर विचार किया गया।
सीटू महामंत्री मुरारी लाल बैरवा के अनुसार हबीब खान ने बताया कि बताया कि 2018 में जेके सिंथेटिक्स की 227 एकड़ भूमि को रीको से अराफात पेट्रो कैमिकल प्राइवेट लिमिटेड के मालिक ने नियमों का उल्लंघन करके कॉमर्शियल में भूमि रूपान्तरण करवा लिया। राज्य सरकार ने 2019 में रीको के 2018 के भूमि रूपान्तरण आदेश को निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ अराफात प्रबंधक राजस्थान हाईकोर्ट में गया। 20 जुलाई 2021 को राजस्थान हाईकोर्ट ने रीको के 2019 के आदेश को गलत मानते हुए अराफात पेट्रो कैमिकल के पक्ष में आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार व सीटू की तीनों यूनियनों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की। न्यायाधीश ने राज्य सरकार, रीको व मजदूर यूनियनों के पक्ष में आदेश पारित किया। राज्य सरकार इस जमीन को अराफात ग्रुप से अपने कब्जे में लेकर किसी बड़े उद्योगपति को कारखाना चलाने को दे। जिससे कोटा सहित देश का विकास हो। साथ ही 27 वर्षों से आस लगा कर बैठे सभी 4200
कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन, ग्रेच्युटी व अन्य देनदारी मिल सके। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लगभग 2 वर्ष हो चुके हैं। राज्य सरकार ने मजदूरों का बकाया भुगतान दिलाने को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की है। जेके की तीनों यूनियनों के महामंत्रियों कामरेड हबीब खान, उमाशंकर, नरेंद्र सिंह ने कहा कि यदि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू नहीं करवाती है तो 18 फरवरी से जेके फैक्ट्री के तमाम मजदूर अपने परिवार सहित जिला कलक्टर कार्यालय पर 11 से 3 बजे तक अनिश्चित कालीन धरना देंगे। इस आंदोलन को सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों सीपीआईएम व समान विचारधारा वाली पार्टियों के सहयोग से लड़ा जाएगा। मीटिंग में सैंकड़ों मजदूर मौजूद रहे।
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