सुरक्षित इंटरनेट दिवस पर कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई गोष्ठी
बहराइच 11 फरवरी। इंटरनेट के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुरक्षित इंटरनेट दिवस (एसआईडी) के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मोनिका रानी की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में उपस्थित लगभग 150 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संयुक्त निदेशक एन.आई.सी. योगेश कुमार यादव, फील्ड अभियन्ता रमन कुमार गुप्ता व सन्दीप द्विवेदी तथा सहयोगी स्टाफ सै. फैसल द्वारा इंटरनेट का उपयोग करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करते हुए विशेष रूप से बच्चों और युवा वयस्कों के लिए एक सुरक्षित और समावेशी डिजिटल वातावरण बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
संयुक्त निदेशक श्री यादव ने बताया कि सुरक्षित इंटरनेट दिवस (एसआईडी) हर साल तकनीक और इंटरनेट के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2025 में ‘एक बेहतर इंटरनेट के लिए एक साथ’ की थीम पर विश्व के लगभग 150 देशों में मनाया जा रहा है। श्री यादव ने बताया कि एसआईडी का उद्देश्य है कि आमजन को ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में जागरूक व शिक्षित करना है ताकि लोग ऑनलाइन दुर्व्यवहार की रिपोर्ट करने के लिए स्वेच्छा से आगे आ सकें। उन्होंने कहा कि आज के युग में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ऐप व्हाट्स ऐप को सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करना समय कर मांग है जिससे साईबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लग सके।
श्री यादव ने कहा कि साईबर सुरक्षा का महत्व इसी बात से समझा जा सकता है कि आज विभिन्न संगठनों, शिक्षण संस्थाओं एवं समुदायों में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरन्तरता के साथ कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संचार क्रांति के इस युग में सबसे सशक्त माध्यम इण्टरनेट है जो सम्पूर्ण संसार को एक दूसरे से जोड़े हुए है। श्री यादव ने कहा कि जहां एक ओर इंटरनेट सीखने, सामाजिक संपर्क और व्यवसाय के लिए अनगिनत अवसर प्रदान करता है वहीं दूसरी ओर साइबरबुलिंग, फ़िशिंग, डेटा उल्लंघन और अनुचित सामग्री के संपर्क में आने जैसे जोखिम भी पैदा करता है। कार्यशाला का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित इण्टरनेट का उपयोग करने हेतु जागरूक एवं शिक्षित करना है।
गोष्ठी के दौरान मौजूद लोगों को ऑनलाइन बैंकिंग, पब्लिक वाई-फाई, सोशल मीडिया, व्हाट्सएप कॉल वीडियो कॉल आदि को किस तरह सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करने तथा सभी प्रकार डिजिटल फ्रॉड से बचने के तरीके बताये गये। लोागों को बताया गया कि अपनी पर्सनल इनफॉरमेशन सभी के साथ सोशल मीडिया पर शेयर ना करें, मोबाइल, ईमेल, बैंकिंग पासवर्ड व सोशल मीडिया आईडी पासवर्ड कैसे सुरक्षित रखें, के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। गोष्ठी में यह भी बताया गया कि अगर किसी के साथ डिजिटल फ्रॉड होता है तो उनको साईबरक्राइम डाट जीओवी डाट इन व हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 1930 तथा नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाकर तत्काल शिकायत दर्ज कराएं।
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने गोष्ठी को अत्यन्त उपयोगी बताते हुए मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आहवान किया कि साइबर फ्राड से बचने के लिए जागरूक रहें। कार्यालय के सहयोग अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ इस जानकारी को साझा करें तथा परिवार के युवा सदस्यों को अनिवार्य रूप से जागरूक किया जाय। डीएम ने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि हम सुरक्षित, नैतिक और जिम्मेदार इंटरनेट उपयोगकर्ता बने। डीएम द्वारा गोष्ठी में मौजूद अधिकारियों से अपने अनुभव साझा करने की बात कहने पर कई अधिकारियों से अपने साथ हुए छोटे-मोटे फ्राड के बारे में जानकारी दी गई।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कुमार, जिला विकास अधिकारी राज कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार सिंह, डीईएसटीओ डॉ. अर्चना सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर, डीएचईआईओ बृजेश सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी विनोद राय, जिला सेवायोजन अधिकारी संजय कुमार, ई-डिस्ट्रिक मैनेजर सुमित तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
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