बहराइच जिले के जवाहर लाल राष्ट्रीय इंटर कॉलेज, नवाबगंज के कक्षा 9 के छात्र कामरान ने भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विद्यालय और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह परीक्षा गायत्री तीर्थ, शांतिकुंज, हरिद्वार द्वारा आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और राष्ट्रीय जागरूकता को बढ़ावा देना है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में कामरान ने विद्यालय स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया और श्रेष्ठ (Best) श्रेणी में स्थान बनाकर अपने ज्ञान और संस्कारों की श्रेष्ठता साबित की।
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा एक महत्वपूर्ण प्रतियोगिता है, जिसमें विद्यार्थियों की नैतिकता, सामाजिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूकता की परीक्षा ली जाती है। इसमें भाग लेने वाले विद्यार्थी संस्कृति, धार्मिक इतिहास, नैतिक शिक्षा और सामाजिक सुधारों से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देते हैं। कामरान ने इस परीक्षा में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिखाया कि वे न केवल एक मेधावी छात्र हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और नैतिक मूल्यों में भी गहरी रुचि रखते हैं। उनकी यह उपलब्धि विद्यालय और परिवार के लिए गर्व का विषय है।
इस परीक्षा में विद्यालय स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त करना कामरान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह उनके कड़ी मेहनत, ज्ञान और नैतिकता के प्रति गहरी समझ का प्रमाण है। इस परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए न केवल स्मरण शक्ति बल्कि गहरी सोच और विश्लेषण क्षमता की भी आवश्यकता होती है। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री जगदीश प्रसाद वर्मा ने उनकी इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “कामरान एक होनहार और मेहनती छात्र हैं। उनकी यह सफलता अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणादायक होगी।”
कामरान की इस सफलता से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। उनके पिता श्री दस्तगीर बेग ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि “कामरान शुरू से ही पढ़ाई में रुचि रखते हैं और हर परीक्षा में बेहतर करने की कोशिश करते हैं। उनकी यह सफलता हमें और भी प्रेरित करती है।” वहीं, विद्यालय के शिक्षकगण और सहपाठियों ने भी उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कामरान न केवल एक मेधावी छात्र हैं, बल्कि वे साहित्य और कविता लेखन में भी सक्रिय हैं। वे अब तक 95 से अधिक कविताएँ लिख चुके हैं और कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के साहित्यिक सम्मानों से सम्मानित हो चुके हैं। इसके अलावा, वे विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं और अपनी रचनात्मकता से लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। उनकी यह उपलब्धि दर्शाती है कि वे शिक्षा और साहित्य, दोनों ही क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में संस्कार, नैतिकता एवं भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह परीक्षा हर वर्ष आयोजित की जाती है और इसमें लाखों विद्यार्थी भाग लेते हैं। इस परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों में संस्कृति, सामाजिक सद्भाव, नैतिकता और जीवन मूल्यों के प्रति रुचि उत्पन्न होती है, जिससे वे एक अच्छे नागरिक बनते हैं।
कामरान की इस शानदार उपलब्धि पर गायत्री परिवार, शांतिकुंज, हरिद्वार ने भी उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं। उनकी इस सफलता से विद्यालय में उत्साह का माहौल है और अन्य छात्र भी प्रेरित हो रहे हैं। यह सफलता इस बात को साबित करती है कि यदि कोई छात्र लगन, समर्पण और मेहनत के साथ कार्य करता है, तो उसे निश्चित रूप से सफलता मिलती है। उनकी इस उपलब्धि के लिए हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
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