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Wednesday, March 12, 2025 2:35:08 PM

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पूर्व जन्म के पुण्यों व तप के प्रभाव से ही अच्छी सन्तति घर में आती है – अरविंद भाई ओझा

पूर्व जन्म के पुण्यों व तप के प्रभाव से ही अच्छी सन्तति घर में आती है – अरविंद भाई ओझा

रिपोर्ट : मोहित त्यागी 

स्वतंत्र पत्रकार

 

पिलखुवा। सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर परतापुर की सहायतार्थ राम कथा में आज राम के जन्म का उत्सव मनाया गया राम जी के जन्म पर प्रकाश डालते हुए कथा व्यास अरविंद भाई ओझा ने कहा कि हमारे पूर्व जन्म के पुण्य व तप के प्रभाव से घर में अच्छी संतति आती है राजा दशरथ और मां कौशल्या ने जब पूर्व जन्म में मनु और शतरूपा व कश्यप और अदिति के रूप में तप और पुण्य किया उसके प्रभाव से ही उनके घर में राम का जन्म हुआ। जन्म की बधाई गा कर भक्तों ने आनंद लिया

 

कथा में आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि भगवान शिव और पार्वती भगवान राम का बाल रूप सर्वाधिक प्रिय हैं और जब अयोध्या में राम का जन्म होता है तो उनकी उस बाल लीलाओं को देखने के लिए स्वयं भगवान भोलेनाथ काकभूसुंडी के साथ उनके दर्शन करने अयोध्या आते हैं। भगवान शिव को राम का बाल रूप इसलिए प्रिय है क्योंकि बालक निश्चल और निर्मल मन का होता है और भगवान निर्मल मन के लोगों को ही प्राप्त होते हैं।

 

माता पार्वती को राम कथा सुनाते हुए भगवान शिव कहते हैं की राम कथा लोक हितकारी है सब समाज को सुखदेव सुख देती है और जीवन के हर पहलू को हमें कैसे जीना चाहिए यह बताती है। जब जब धरती पर अधर्म और अभिमानी लोग बढ़ते हैं तब तब भगवान विभिन्न रूप धारण कर संसार को सुख देने के लिए जन्म लेते हैं और अपने जीवन में जी कर हमको सिखाते हैं कि हमें जीवन कैसे जीना चाहिए।

 

कथा व्यास अरविंद भाई ओझा ने जन्म के कर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा श्राप और वरदान दोनों ही राम और रावण के जन्म के कारण बनते हैं। तप और पुरुषार्थ के बल पर ही यह संसार चलता है हम किसी को आशीर्वाद या श्राप भी तभी दे सकते हैं जब हम कठिन तप (परिश्रम) और पुरुषार्थ कर आध्यात्मिक ऊर्जा और चेतना को संग्रहित करते हैं।

जीवन जीने के तीन ही मार्ग है ज्ञान , कर्म और भक्ति इनमें भक्ति का मार्ग सबसे सरल मार्ग है इसके माध्यम से हम परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं और भक्ति की ही शक्ति है कि वह परमात्मा को बड़ा और छोटा कर सकती है । व्यक्ति काल, कर्म और स्वभाव के गुणों के वशीभूत होकर ही जीवन में भटकता और शांत होता है और जीवन में भटकाव से बचने के लिए हमको सत्संग करना चाहिए यह सत्संग ही हमको सदमार्ग की ओर लेकर के जाता है।

आज कथा में मुख्य अजमान कल डॉक्टर देवेंद्र व धर्मपत्नी, संदीप गुड्डू व धर्मपत्नी , विपिन पवनसुत, आशीष गुप्ता धर्म यात्रा महासंघ, पवन मांगलिक भारत विकास परिषद पिलखुवा वीरेंद्र शुक्ला अतरौली शोकेंद्र नगर प्रचारक आरएसएस अभिषेक, भुजवीर सिंह, कुबेर सिंह बासीदपुर आदि उपस्थित रहे।

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