पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस की ‘न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) के वादे की तारीफ करते हुए शनिवार को कहा कि इस प्रस्तावित योजना के लागू होने के बाद भारत विश्व के ‘गरीबी मुक्त’ देशों की कतार में शामिल हो जाएगा. मनमोहन सिंह ने ‘न्याय’ को लागू करने में देश के मध्यम वर्ग पर कर का कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और देश के राजकोषीय अनुशासन को बनाया रखा जाएगा. मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘न्याय योजना एक शक्तिशाली योजना है जो एक तरफ हमारे देश से बची खुची गरीबी हटाएगी और वहीं दूसरी तरफ ठहरी हुई अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी. मुझे इसकी खुशी हो रही है कि न्याय योजना को सभी नागरिकों ने बहुत पसंद किया है और इस पर देशभर में विस्तृत चर्चा हो रही है.’’ मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘पिछले 70 वर्षों में गरीबी उन्मूलन के लिए कई कदम उठाए और नतीजतन गरीबी का स्तर 70 फीसदी से घटकर 20 फीसदी रह गया. अब समय आ गया है कि हम इस बची खुची गरीबी को दूर का करने का संकल्प पुन: दोहराएं.’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ न्याय से हमारा आर्थिक इंजन फिर शुरू करने में मदद मिलेगी, जो आज ठहराव की स्थिति में है. जरूरतमंद लोगों के हाथ में पैसा पहुंचने से अर्थव्यवस्था में मांग उत्पन्न होगी और आर्थिक गतिविधि बढ़कर नौकरियों का सृजन होगा.’’ मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए समर्पित है. न्याय योजना का जीडीपी का ज्यादा से ज्यादा 1.2 फीसदी लेकर 1.5 फीसदी तक खर्च होगा. करीब 3 तीन हजार अरब वाली हमारी अर्थव्यवस्था यह खर्च वहन करने में समर्थ है. न्याय के कारण का मध्यम वर्ग पर कर कोई अतिरिक्त बोझ डालने की जरूरत नहीं होगी.’’ सिंह ने कहा, ‘‘जिस प्रकार हमने 1991 में लाइसेंस राज खत्म किया, फिर मनरेगा के जरिए भारत के विकास के नए कीर्तिमान बनाए. उसी प्रकार मुझे विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार न्याय योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करेगी और सामाजिक न्याय एवं बुद्धिमत्तापूर्ण अर्थव्यवस्था के नए मॉडल की शुरुआत करेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा विश्वास है कि न्याय में भारत को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाते हुए विश्व में उसे ‘गरीबी मुक्त’ देशों की कतार में लाने का सामर्थ्य है. मुझे उम्मीद है कि मेरे सामने ही देश यह उपलब्धि हासिल कर लेगा.’’
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