गोंडा। लोकसभा चुनाव में समान्य प्रत्याशी के साथ ही बाहुबली प्रत्याशी भी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। बाहुबली भी ऐसे हिस्ट्रीशीटरों को अपनी तरफ करने की कोशिश में जो थोड़े से भी वोट का प्रबंध कर सकते हैं। जिले के 17 थाना क्षेत्रों में सक्रिय 970 में 855 हिस्ट्रीशीटर लोकसभा चुनाव में अपने-अपने प्रत्याशियों को लाभ पहुंचाने के लिए अभी से जुट गए हैं। लोकसभा क्षेत्र गोंडा से दो बाहुबली के पक्ष में मतदाताओं को प्रभाव में लेने के लिए कई हिस्ट्रीशीटर अभी से क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र के एक बाहुबली प्रत्याशी के लिए भी हिस्ट्रीशीटर सक्रिय भूमिका निभाएंगे। कई प्रत्याशियों के काफिलों के साथ अभी से ही हिस्ट्रीशीटर नजर आने लगे हैं। प्रत्याशियों से मिले टास्क को पूरा करने के लिए हिस्ट्रीशीटर हर तरह के हथकंडे अपनाने को तैयार हैं। प्रशासन भी हिस्ट्रीशीटरों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर मुस्तैद हो गया है। हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी और धरपकड़ तेज कर दी गई है। थानों की पुलिस अपने-अपने क्षेत्र के हिस्टीशीटरों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उनकी निगरानी करा रही है, वे कहां आते-जाते हैं और उनके किस-किस से संबंध हैं। इसपर भी नजर रखी जा रही है। इसके बावजूद भी चुनाव में हिस्ट्रीशीटर सक्रिय हो गए हैं। जनपद के 106 हिस्ट्रीशीटर आपराधिक मामलों में मौजूदा समय में जिला कारागार में निरुद्ध चल रहे हैं। पुलिस जेल में कैद इन हिस्ट्रीशीटरों की समय-समय पर जानकारी लेती रहती है। ये जेल से कब रिहा होने वाले हैं, इसका पूरा खाका पुलिस ने तैयार कर रखा है। जिससे इन हिस्ट्रीशीटरों पर नजर रखी जा सके। जनपद से पिछले पांच साल से लापता सात हिस्ट्रीशीटर को पुलिस तलाश नहीं पा रही है। लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण निपटाने का दावा करने वाली पुलिस के लिए लापता हिस्ट्रीशीटर कहीं चुनौती न बन जाएं। हालांकि मतदान को निपटाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाना है। मगर इसके बावजूद भी लापता हिस्ट्रीशीटरों की पुलिसकर्मियों को पहचान न होने के कारण ये चुनाव में समस्या बन सकते हैं। बीट सिपाही अपने क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर की निगरानी करेंगे। मगर उसे सोते समय नहीं जगाएंगे। परिवार के लोगों व गांव और मोहल्ले के लोगों से जानकारी करेंगे कि वह घर पर है या नहीं। अगर है तो मौजूदगी और नहीं है। तो नदारद होने की रिपोर्ट बीट बुक में लिखेंगे। उप निरीक्षक गांव व मोहल्लों में जाकर जांच करके हिस्ट्रीशीटर की मौजूदगी और नदारद होने की रिपोर्ट फर्द में दर्ज करेंगे। हिस्ट्रीशीटर की जांच करने कब गए और कब वापसी हुई। पूरा खाका फर्द में दर्ज करना होगा। गांव व मोहल्ले का पुलिस का चौकीदार भी हिस्ट्रीशीटर के मौजूदगी और नदारद होने की रिपोर्ट थाना प्रभारी को देगा। उसकी पुष्टि के बाद थाना प्रभारी फर्द में दर्ज करेंगे। पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी कराई जा रही है, कई हिस्टीशीटरों को जेल भेजा जा चुका है। चुनाव में प्रत्याशियों के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए हिस्ट्रीशीटरों की भूमिका अगर संदिग्ध होगी तो उसकी जांच कराकर हिस्ट्रीशीटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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