बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद की राह पर चलने का फैसला ले लिया है. दरअसल संविधान बचाओ न्याय यात्रा के दूसरे चरण के दौरान बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बाहुबली और राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के परिजनों से मुलाकात की.सीवान पहुंचे तेजस्वी यादव शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर पहुंचे और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के पिता और उनकी पत्नी हीना शहाब से मिले. तेजस्वी का ये कार्यक्रम उनकी सभा से पहले हुआ और वो शहाबुद्दीन के परिवार से मिलने के बाद ही सभास्थल की ओर रवाना हुए. तेजस्वी की शहाबुद्दीन की पत्नी और पिता समेत परिवारवालों से हुई यह मुलाकात पूरी तरह से गोपनीय थी और इसमें किसी कार्यकर्ता को भी इंट्री नहीं मिली थी. इस मुलाकात के बाद ये चर्चा शुरू हो गई कि क्या तेजस्वी अपने पिता के एमवाई समीकरण को बरकरार रखने की कोशिश में लगे हैं.हाल के दिनों में पार्टी को लीड कर रहे तेजस्वी की शहाबुद्दीन के परिवार से मुलाकात इस मायने में भी खास है क्योंकि जल्द ही लोकसभा के चुनाव होने हैं और सभी की नजर सीवान सीट पर भी टिकी है. शहाबुद्दीन की पत्नी को राजद ने पिछले चुनाव में सीवान से मौका दिया था लेकिन वो बीजेपी के ओमप्रकाश यादव से हार गई थीं ऐसे में तेजस्वी की इस सभा और सभा से पहले हीना शहाब समेत शहाबुद्दीन के परिवार ने संकेत दे दिए हैं कि 2019 के चुनाव में भी राजद हिना को ही मौका देगी.शहाबुद्दीन फिलवक्त भले ही जेल में बंद हो लेकिन उस इलाके में उनका प्रभुत्व है खास कर मुस्लिम वोटरों में. शहाबुद्दीन और उनके गुर्गों पर सीवान के व्यवसायी चंदा बाबू के दो बेटों की निर्मम तरीके से हत्या करने और उन्हें तेजाब से नहलाने का आरोप था जिसमें उन्हें सजा भी हुई है. तेजस्वी भी सोमवार को शहाबुद्दीन के उसी बंगले पर पहुंचे जहां इस घटना को अंजाम दिया गया था. तेजस्वी के इस कदम पर विपक्ष ने ऐतराज जताया है और कई सवाल खड़े किए हैं.बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि न्याय और संविधान बचाने के नाम पर यात्रा का नाटक करने वाले तेजस्वी यादव सीवान में अातंक का पर्याय कहे जाने वाले राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के गांव जाकर उनके परिजनों से मिले और उनकी पत्नी को सार्वजनिक सभा मे लाकर अपने मंच पर स्थान दिया.
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