बिहार में बाढ़ से 25 लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के खजाने पर पहला हक बाढ़ पीड़ितों का है. पैसे सीधे लोगों के खाते में जाएंगे. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत के लिए सभी जिलों में बाढ़ आवंटन दे दिया गया है. अनुग्रह अनुदान के लिए सरकार ने निधी की व्यवस्था की है. सीएम ने बताया कि बाढ़ प्रभावित परिवार के सहायक राशि वितरण का काम शुक्रवार 19 जुलाई 2019 से शुरू होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में मृत व्यक्ति के परिवार को 24 घंटे के भीतर अनुग्रह अनुदान की राशि दे दी जाती है. राहत कार्य के लिए जितनी भी राशि की आवश्यकता होगी सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. जो भी जरूरी होगा सभी कार्य होंगे और बाढ़ प्रभावित परिवार को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी. नीतीश कुमार ने कहा कि साल 2017 में प्रभावित बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि वितरण के समय हमलोगों ने पाया कि पैसे के ट्रांसफर में बैंक ब्रांच के द्वारा काफी विलंब किया गया. इसके चलते 2017 के बाढ़ से प्रभावित लाभुकों को सहायक राशि मिलने में थोड़ा विलंब हुआ. इस परेशानी से निजात के लिए बाढ़ प्रभावित लोगों को डायरेक्ट ट्रांसफर करने की सुविधा पब्लिक मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से सहायक राशि वितरण की व्यवस्था की गई है. इस प्रणाली के तहत लाभुकों के बैंक खातों में 6 हजार रुपये प्रति परिवार के दर से सीधे के बिना परेशानी के पारदर्शी तरीके से भेजा जा सकता है. पैसे के ट्रांसफर में बैंक के ब्रांच पर कोई निर्भरता नहीं होगी. बाढ़ राहत लाभुकों की सूची जिले के आपदा संपूर्ति पोर्टल पर अपलोड की जाएगी. सभी स्थिति पर सरकार की नजर है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावकारी कार्यवाही जारी है. सीएम ने कहा कि पूरी तत्परता के साथ बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है. सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे पूरी मुस्तैदी के साथ राहत और बचाव कार्य चलाएं. राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 कंपनियां तैनात की गयी हैं. उससे हमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सवा लाख लोगों को बचाने में मदद मिली है. अबतक 199 राहत शिविर लगाये हैं जहां 1.16 लाख लोगों ने शरण ले रखी है. कुल 676 सामुदायिक रसोई घर बनाये गये हैं और यदि जरूरत महसूस हुई तो और ऐसे और रसोई घर बनाये जा सकते हैं.
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