बिहार की राजधानी पटना में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की बैठक हुई. इसमें सीएम नीतीश कुमार ने बैंकों के रवैये पर अपनी पीड़ा व्यक्त की. गुरुवार को उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की बात बैंक सुनते ही नहीं हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि बैंकिंग सिस्टम पर उन्हें पूरा भरोसा है. इसके अलावा सीएम नीतीश ने कई मुद्दों पर भी चर्चा की. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि बैंकिंग शिक्षा को बिहार के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. नीतीश कुमार ने बैठक में शामिल बैंकों को आश्वासन देते हुए बैंक खोलने और सरकारी ज़मीन देने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, ''पंचायत स्तर पर भी आप लोग बैंक खोलिए. अगर आपको जमीन की भी जरूरत पड़ेगी तो सरकार आपको जल्द से जल्द जमीन मुहैया करवाएगी, जिससे किसानों को काफी फायदा होगा.'' नीतीश कुमार के अलावा इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद रहें. इस मौके पर नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने का मुद्दा रखा. उन्होंने कहा कि बिहार में लोग बैंक पर भरोसा करते हैं लेकिन यहां बैंक ऋण देने में पीछे हैं. बिहार में बड़े उद्योग लगने की संभावना कम है, हमने कई बार विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है ताकि अधिक उद्योग लग सके. बिहार में हमने जीविका समूह बनाया. इससे ग्रामीण इलाकों तक ऋण की पहुंच हुई. बिहार में छोटे व्यवसाय और व्यापार में बढ़ोतरी हुई है. जमीन की कमी से बड़े निजी फ़ैक्टरी लगाने मुश्किल हो रही है. सीएम नीतीश ने बिहार के लोगों से अपील की कि पुलिस को विश्वास में रखकर काम करें. उन्होंने कहा कि बिहार में सुरक्षा में कोई कमी नहीं है. बैंकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. बैंकों को भी पुलिस से कॉर्डिनेशन रखना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बिहार सरकार काम करती है, उसे प्रचारित नहीं करती. यहां पंचायती राज और नगर निकाय में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया है लेकिन प्रचार नहीं किया है. हम प्रचार पर खर्चा नहीं करते, अन्य राज्य करते हैं. बिहार में अब भी 89 फीसदी लोग गावों में रहते हैं. बैंकिंग को गांव तक पहुंचने की जरूरत है. बैंकिंग क्षेत्र के लोगों को पंजाब महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों से बिहार की तुलना नहीं करनी चाहिए. वे विकसित राज्य हैं. बैंकर्स को बिहार राज्य की स्तिथि को समझते हुए सहयोग का रवैया रखना चाहिए. कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने एकबार फिर बाढ़ और सूखाड़ की चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमने जलवायु परिवर्तन पर बड़े पैमाने पर काम शुरू किया है. बिहार में हर साल बाढ़ आती है और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. फ्लैश फ्लड 2017 में आया और इस भी आया था. दूसरी तरफ सूखे की स्थिति बनी है. जल-जीवन हरियाली के नाम से हमने अभियान चलाया है. जलवायु परिवर्तन पर जो काम किया वो बड़े स्तर पर किया है. ग्रीन कवर फीसदी हुआ है जो पहले नौ फीसदी था. हमारा अगला लक्ष्य 17 फीसदी है.
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