केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को पटना में कहा कि केंद्र सरकार एससी-एसटी एक्ट को मजबूत करने का काम कर रही है. 1989 में एससी-एसटी एक्ट आया था लेकिन 2015 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे और मजबूत किया. इस कानून में दलितों को और अधिकार दिए गए है.उन्होंने कहा कि जो विपक्ष एसटी एससी एक्ट मामले पर भाजपा सरकार पर आरोप लगा रहा है. दरअसल एसटी एससी के असली दुश्मन वही है. सविधान में लिखा है कि एसटी एससी एक्ट में हिन्दू,सिख और बौध् को ही आरक्षण का लाभ मिल सकता है.रविशंकर ने प्रसाद ने कहा कि दलित महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए भी कड़े कानून बनाए. वर्तमान में जिस मुम्बई केस की चर्चा है उसमें भारत सरकार पार्टी नही थी और न ही सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार पार्टी थी. 20 मार्च 2018 को इस केस का फैसला आया. पांच दिन में इस फैसले के खिलाफ भारत सरकार ने रिव्यू पिटीशन फ़ाइल तैयार किया, लेकिन 6 दिन सुप्रीम कोर्ट बंद होने की वजह से रिव्यू पिटिशन 11 दिन बाद फ़ाइल हुआ.उन्होंने कहा कि मायावती दलितों की राजनीति करती हैं लेकिन सीएम रहते उनके मुख्य सचिव शम्भूनाथ ने 20 मई 2007 को निर्देश जारी किया था कि बलात्कार और हत्या के मामले में ही एससी-एसटी एक्ट के तहत ही सीधी करवाई हो. छोटी मोटी घटनाओं में सामान्य अपराध के तहत ही मामला दर्ज किया जाए. इसके अलावा तब आदेश में कहा गया था कि बलात्कर के मामले में चिकित्सीय रिपोर्ट के फलस्वरूप प्रथम दृष्टया अपराध की पुष्टि होने के बाद ही एससी-एसटी अधिनियम के तरह मुकदमा दर्ज किया जाए. क्या इससे ज्यादा कोई अमानवीय निर्देश हो सकता है? अपनी सरकार में ऐसा निर्देश जारी करने वाली मायवाती आज हम पर आरोप लगा रही हैं.रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार ने एससी-एसटी के लिए मुआवजा राशि बढ़ाया है. भाजपा के पास सबसे ज्यादा दलित सांसद, मेयर और विधायक हैं और इस वजह से विपक्ष को परेशानी हो रही है.
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