बहराइच : चोला मंडलम फाइनेंस कंपनी वाले गाड़ी की
किश्त के लिए रोज परेशान कर रहे है जब इस समय स्कूल बंद है और फीस नहीं आ रही है तो मध्यम वर्ग के स्कूलों में जो गाड़ीयां फाइनेंस पर है उसकी EMI / किश्त स्कूल वाले कहां से लायें।
जो भी स्कूल गाँव देहात में खुले हैं वह दो चार सौ रूपये फीस लेकर, जो कि समयानुसार मिलता भी नहीं है, किसी तरह से अपना व चार लोगों को रोजगार दे कर जीवन यापन कर रहे है ऐसे स्कूलों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। अतः सरकार से अनुरोध है कि इस विकट स्थिति पर विचार कर उचित कार्यवाही करे।
अन्यथा बहुत सारे छोटे स्कूलों को संचालित करने वाले संचालक फाइनेंस कंपनीयों के वजह से सपरिवार आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे। जिसके जिम्मेदार सरकार और चोला जैसी फाइनेंस कंपनीयां होंगी।
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