श्रावस्ती/रविवार को पुलिस आफिस सभागार में पुलिस परामर्श केन्द्र की बैठक हुई। बैठक में सदस्यों ने तीन परिवारों को फिर से एक साथ रहने को राजी किया। बैठक की अध्यक्षता एएसपी बीसी दूबे ने की। पुलिस कार्यालय के सभागार कक्ष में संचालित परिवार परामर्श केन्द्र की बैठक की अध्यक्षता करते हुए एएसपी श्री दूबे ने कहा कि पारिवारिक मामलों में कोर्ट कचेहरी का चक्कर नहीं लगाना चाहिए। इन मामलों को आपसमें बैठ कर और बातचीत करके सुलझा लेना चाहिए। इसलिए पुलिस परामर्श केन्द्र में एक वातावरण का निर्माण किया गया है। जिसमें दोनों पक्षों के लोग आसानी से अपनी बात कह सकें और सुलह समझौते से परिवार टूटने से बचा सकें। उन्होंने कहा कि सुलह समझौता कराने वाले लोग पुलिस विभाग के नहीं बल्कि सामाजिक क्षेत्र के हैं। बैठक में 11 फाइलें सुनवाई के लिए आई। जिसमें किसी न किसी रूप में विवाद था। परिवार परामर्श केन्द्र के नामित सदस्य एसएल मिश्र, विभाकर शुक्ला सामाजिक कार्यकर्ता, गुलशन जहां, दिनेश पटेल ने दोनों पक्षों की बातों को विधिवत सुना। पति-पत्नी के मध्य आपसी मनमुटाव व कलह के कारणों को दूर किया। इस कार्रवाई में तीन परिवारों को टूटने से बचाया गया। दोनों परिवारों को हंसी-खुशी परिवार परामर्श केन्द्र से विदा किया गया। साथ ही साथ जो परिवार अपना नाम नहीं लिख पा रहे थे उन्हें लिखना और पढ़ना भी सिखाया गया। इस मौके पर जिला प्रोबेशन अधिकारी आरपी चौधरी, सीओ डा. जंग बहादुर यादव, महिला थाना प्रभारी केके यादव, सुनीता सिंह, अंजू यादव, रंजना मिश्रा आदि मौजूद रहे।
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