देशभर में प्याज की बढ़ती मांग और कीमतों में आई तेजी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने भारत से होने वाले प्याज की निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. इसके पहले प्याज की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने मिस्र और अफगानिस्तान से प्याज के आयात करने का फैसला लिया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अफगानिस्तान और मिस्र से आयात होने वाले प्याज की खेप अक्टूबर माह के मध्य तक भारत पहुंच जाएगी, जिसके बाद आम आदमी को प्याज की कीमतों से राहत मिल सकती है. डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने रविवार को जानकारी दी है कि प्याज के एक्सपोर्ट पॉलिसी में बदलाव किया गया है. अगले आदेश तक प्याज के निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगाया जाता है. बता दें कि राजधानी दिल्ली में प्याज की कीमतें 70 – 80 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर हैं. बता दें कि बाजार में प्याज की कमी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही इजिप्ट और अफगानिस्तान से प्याज आयात करने का फैसला लिया है. इसी सिलसिले में सरकार पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान से प्याज आयात कर रही है. आने वाले कुछ दिन में यह स्टॉक भारत में आ जाएगा. Egypt से भारत में प्याज आयात किया जाएगा जोकि 15 अक्टूबर तक यहां पहुंच जाएगा. बताते चलें कि अंतिम बार प्याज की कीमतों में इतनी तेजी साल 2015 में दर्ज की गई थी. उस दौरान बाढ़ से फसल बर्बाद होने के बाद प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई थीं. मार्केट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी कंवरपाल सिंह दुआ ने NEWS 18 इंग्लिश को कुछ दिन पहले बताया था कि प्याज के आवक की कमी होने का सबसे बड़ा कारण दक्षिण भारत और मध्य प्रदेश में जोरदार बारिश है. उन्होंने कहा, 'भारी बारिश और नमी के कारण मध्यम प्रदेश में प्याज की स्टॉकिंग जरूरी स्तर तक नहीं पूरी हुई. दक्षिण भारत में भारी बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो चुकी है. नासिक क्षेत्र जो सबसे बेहतर क्वालिटी के प्याज के लिए जाना जाता है, वहां पर बारिश की वजह से प्याज की फसल करीब दो सप्ताह की देरी से लगी. पहले हमें यह प्याज की यह फसल दिवाली से पहले मिलती थी, लेकिन अब यह फसल दिवाली के बाद या फिर उसके ठीक बाद तक मिल सकेगी. इसमें करीब एक माह की देरी होगी.' एक अन्य विक्रेता ने कहा कि कई किसान आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के आसार देखते हुए प्याज के स्टॉक को बाजार में नहीं ला रहे हैं. हर साल यही हाल रहता है. बेहतर मुनाफा कमाने के लिए प्याज के स्टॉक को होल्ड किया जाता है और जब भाव बढ़ जाता है तो इसका फायदा उठाया जाता है. अग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ इंडिया ने हाल ही में एक रिपोर्ट में खुदरा दकानदारों से बात करने के बाद लिखा था कि प्याज उत्पादन करने वाले राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति की वजह से प्याज की कीमतों में इतनी तेजी देखने को मिल रही. भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों से उत्तर भारत में प्याज की नई फसल की सप्लाई नहीं हो पा रही है. राजधानी दिल्ली में आसमान छूती प्याज की कीमतों के बीच दिल्ली सरकार ने लोगों को राहत देते हुए शनिवार को ऐलान किया कि सरकार प्याज बेचने का काम करेगी. इस दौरान भाव 23.90 रुपये प्रति किलोग्राम होगा. इस योजना के तहत एक व्यक्ति अपने परिवार के लिए इस कीमत पर अधिकतम 5 किलोग्राम प्याज खरीद सकता है. प्याज की आसमान छूती कीमतों के बीच अब चंडीगढ़ में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने लोगों को राहत देने की पहल की है. यहां पर विभाग ने कई जगहों पर स्टाॅल लगा कर प्याज बेचना शुरू किया है. बताया जा रहा है कि यहां पर प्याज के भाव 75 रुपये तक पहुंचने के बाद अब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग 30 से 35 रुपये प्रति किलो के भाव से लोगों को प्याज उपलब्ध करवा रहा है. इसको लेने के लिए लोगों की लंबी कतारें भी लगी हैं.
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