बहराइच। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए जारी किये गये दिशा निर्देशों के अनुसार निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को अपने परिवार एवं आश्रित व्यक्तियों की पिछले 05 वित्तीय वर्षो के आयकर विवरण तथा विदेशों में अवस्थित सम्पत्तियों का ब्यौरा भी शपथ-पत्र (प्रारूप-26) पर देना होगा। इसके अलावा मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा आपराधिक प्रवृत्ति के निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों के सम्बंध में दिये गये आदेशों के समादर में अभ्यर्थी को अपने विरुद्ध लम्बित आपराधिक मामलों की सूचना अपने दल को देना अपेक्षित है, जो अभ्यर्थियों द्वारा दी गयी सूचना को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने हेतु बाध्य होंगे। इसके अलावा अभ्यर्थी और सम्बन्धित राजनैतिक दल अपने विरुद्ध लम्बित तथा प्रचलित आपराधिक मामलों को व्यापक रूप से प्रचलित समाचार पत्रों में प्रकाशित करेंगे तथा उक्त का इलेक्ट्रानिक मीडिया में भी कम से कम 03 बार व्यापक प्रचार-प्रसार करेंगे। मा. उच्च न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में आयोग द्वारा लोकसभा/राज्यसभा/विधानसभा या विधान परिषद के निर्वाचन में ऐसे अभ्यर्थी जिनके विरुद्ध आपराधिक मामले या तो लम्बित है, या जिनमें दोष सिद्ध हो गये है, ऐसे मामलों को निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक रूप से प्रचलन वाले समाचार पत्रों में निर्धारित प्रारूप में अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अन्तिम दिनांक से लेकर मतदान होने की तिथि से 02 दिन पहले तक कम से कम 03 अलग-अलग दिनों में प्रकाशित करेंगे। मान्यता/अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल भी अपनी वेबसाइट के साथ-साथ टीवी चैनलों तथा राज्य में व्यापक सर्कुलेशन वाले समाचार पत्रों में निर्धारित प्रारूप में प्रकाशित करेंगे। अभ्यर्थियों को रिटर्निग आफिसर के समक्ष यह घोषित करना होगा कि उन्होने अपनी पार्टी को अपने आपराधिक मामलों के बारे में सूचित कर दिया है। रिटर्निग आफिसर ऐसे अभ्यर्थियों को समचार पत्रों व टीवी चैनलों में व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए निर्धारित प्रारूप पर लिखित अनुस्मारक देंगे। सम्बन्धित अभ्यर्थी जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्वाचन व्यय लेखा के साथ उन समाचार पत्रों की प्रतियां भी जमा करेंगे, जिनमें उक्त घोषणा प्रकाशित की गयी थी।
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