बहराइच। जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र महसी का निरीक्षण कर चिकित्सकों व स्टाफ की उपलब्धता, दवाओं की उपलब्धता, भवन व परिसर की साफ-सफाई, मुख्यमंत्री पोषण घर, औषधि वितरण काउण्टर, पंजीकरण काउण्टर, इमरजेन्सी व सामान्य वार्ड, प्रसव कक्ष, ओपीडी, पैथालोजी, कोल्डचेन व्यवस्था, पीएनसी व एएनसी वार्ड, ओटी, सभाकक्ष, मिनी स्किल लैब, टेलीमेडिसिन सेन्टर इत्यादि का निरीक्षण कर मरीज़ों व उनके तीमारदारों से आवश्यक जानकारी प्राप्त की। चिकित्सालय भवन के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया जिन खिड़कियों के काॅच टूटे हैं उन्हें बदलवाकर जाली लगवाने तथा प्रसव कक्ष में एसी स्थापित कराये जाने का निर्देश दिया। श्री कुमार ने पैथालोजी के निरीक्षण के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गम्भीर रूप से एनिमिक महिलाओं का उपचार स्वयं करें और उनके स्वास्थ्य के प्रति निगरानी बनाये रखें। सीएवसी के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि माह के एक दिन साफ-सफाई अभियान संचालित कर व्यापक स्तर पर साफ-सफाई की जाय। टेलीमेडिसिन केन्द्र के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मरीज हरिकेश कुमार को उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं को देखते हुए निर्देश दिया कि इस सुविधा को अधिक से अधिक मरीज़ों तक पहुॅचाया जाय ताकि दूर दराज़ के लोगों को भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधा का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री सुपोषण घर के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने वहाॅ पर भर्ती 07 बच्चों को फल व पोषण बिस्किट इत्यादि का वितरण किया तथा उनकी माताओं से कुपोषण परिवारों के अनुमन्य अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। रायपुर निवासिनी श्रीमती सीमा पत्नी प्रवेश व विनय कुमारी पत्नी मगन बिहारी ने बताया कि उन्हें शौचालय व राशन कार्ड सुविधा का लाभ नहीं मिला है। इस सम्बन्ध में कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए श्री कुमार डीपीओ, बीडीओ व सीडीपीओ को निर्देश दिया कि कुपोषित परिवारों को शासन द्वारा अनुमन्य सभी सुविधाओं का लाभ दिलाया जाय। इस अवसर पर जिलाधिकारी 05 बच्चों को अन्नप्रासन्न भी कराया। अधीक्षक कक्ष में योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान संस्थागत प्रसव, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीकाकरण, संचारी रोग नियंत्रण अभियान आदि की समीक्षा के दौरान पाया की प्रगति संतोषजनक नहीं है। प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि स्वयं नियमित रूप से समीक्षा कर प्रगति में अपेक्षित सुधार लायें। श्री कुमार ने प्रसव केन्द्रों की संख्या को बढ़ाये जाने का भी निर्देश दिया ताकि संस्थागत प्रसव के लिए लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। बैठक के दौरान यह ज्ञात होने पर तैनात चिकित्सक डा. ईशरत अली नियमित रूप से चिकित्सालय नहीं आते हैं जिलाधिकारी ने चिकित्सक का वेतन रोकने तथा स्पष्टीकरण तलब किये जाने का निर्देश देते हुए कहा कि निष्क्रिय आशाओं को भी चिन्हित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाय। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुरेश सिंह, उप जिलाधिकारी महसी सुरेन्द्र नारायण त्रिपाठी, खण्ड विकास अधिकारी वीरेन्द्र यादव, डीपीएम एनएचएम डा. आर.बी. यादव, प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. पी.के. पाण्डेय सहित अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।
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