केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की जीडीपी की ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई है. पिछले साल इस तिमाही में ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी रही थी. पिछले पांच साल में ग्रोथ रेट में सबसे बड़ी गिरावट है. कृषि विकास दर भी घटकर 2 फीसदी हो गई है, वहीं मैन्युफैक्चरिंग में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. देश की अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार चारों तरफ से चिंता जताई जा रही है. इसे लेकर ही आज वित्त मंत्री ने एक हफ्ते में दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. वित्त मंत्री ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया था कि देश की इकॉनमी सही हालात में हैं. उन्होंने बैंकों की अच्छी स्थिति के बारे में कहा कि इनके एनपीए (नॉन पफॉर्मिंग ऐसेट) कम हुए हैं और मुनाफा बढ़ा है जो अच्छी खबर है. लेकिन अब सीएसओ के द्वारा जारी आंकड़ों ने लोगों के माथे पर परेशानी के बल ला दिए हैं.
जीडीपी गिरने से रोजगार पर असर पड़ता है.
शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
निवेशकों को भरोसा घटता है.
वित्त मंत्री ने आज कहा था देश की इकॉनमी सही हालात में है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज घरेलू अर्थव्यवस्था को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि देश की इकॉनमी सही हालात में है. उन्होंने बैंकों की अच्छी स्थिति के बारे में कहा कि इनके एनपीए (नॉन पफॉर्मिंग ऐसेट) कम हुए हैं और मुनाफा बढ़ा है जो अच्छी खबर है. वित्त मंत्री ने बताया कि कम समय में लोन रिकवरी बढ़ गई है और कर्ज वसूली रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. एनपीए में कमी आई है और ये 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपये हो गया है यानी अब 7.90 लाख करोड़ का एनपीए बचा है. 2019 में 1 लाख 21 हजार 76 करोड़ की रिकवरी हुई है जो काफी अच्छी कही जा सकती है. इसके अलावा 18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 सरकारी बैंक फायदे में है, बैंकों का मुनाफा बढ़ा है.
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