इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई है. इस दिन के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माना भी लग सकता है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप फटाफट आईटीआर फाइल कर लें. आज हम आपको बेहद आसान शब्दों में ऑनलाइन आईटीआर फाइल करने के तरीके के बारे में बताएंगे. लेकिन इससे पहले आपको पैन, कंपनी द्वारा भेजे गए फॉर्म 16, आधार समेत अन्य संबंधित कागजात और हिसाब-किताब तैयार रखना होगा. इसके बाद बेहद आसानी से आईटीआर फाइल कर सकते हैं. आईटीआर फाइल करने के लिए सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट https://incometaxindiaefiling.gov.in पर जाना होगा. यहां आपके सामने इंडिविजुअल्स और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) समेत 5 कैटेगरी के ऑप्शन आएंगे. नौकरीपेशा लोगों को इंडिविजुअल्स कैटेगरी सेलेक्ट करना होता है. हम आपको इसी कैटेगरी के आधार पर फॉर्म फाइल करने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं. इंडिविजुअल्स कैटेगरी सेलेक्ट करने के बाद के स्टेप में वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए आपको अपने PAN नंबर और जन्मतिथि की जानकारी देनी होगी. इसके अलावा रजिस्ट्रेशन में ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, एड्रेस समेत अन्य जरूरी जानकारियां भी मांगी जाएंगी. डिटेल देने के बाद आपके मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर एक वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी आएगा. इस ओटीपी को एंटर करने के बाद आप आईटीआर फाइलिंग के लिए रजिस्टर्ड हो जाएंगे. इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज के जरिए रजिस्ट्रेशन की जानकारी दी जाएगी. यहां बता दें कि अगर आपका अकाउंट पहले से है तो सिर्फ आईडी के तौर पर पैन कार्ड नंबर और अपना पासवर्ड एंटर करना होगा. मतलब आपको रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस से नहीं गुजरना होगा. अब बात करते हैं तीसरे स्टेप की. इस स्टेप में लॉगिन के बाद आपके पास आईटीआर फाइलिंग के लिए दो तरीके उपलब्ध होंगे. पहला तरीका यह है कि आयकर विभाग की वेबसाइट के डाउनलोड सेक्शन में जाकर अपनी कमाई के हिसाब से जरूरी फॉर्म को डाउनलोड कर लें. इस फॉर्म को डेक्सटॉप पर सेव करने के बाद इसे उचित तरीके से भर लें. फॉर्म भरने के बाद वेबसाइट के जेनरेट एक्सएमएल (generate XML) के बटन पर क्लिक करें. यहां अपलोड एक्सएमएल (upload XML) का बटन दबाएं, और XML फाइल को अपलोड कर दें. इसके बाद सबमिट बटन को क्लिक कर दें. वहीं आईटीआर फाइलिंग का दूसरा तरीका है कि आप वेबसाइट के e-file section पर जाकर लॉग-इन करें. यहां आप अपनी कमाई के हिसाब से आईटीआर फॉर्म सेलेक्ट करें. इस फॉर्म में आपकी वो सारी जानकारियां पहले से मौजूद होंगी जो आपने रजिस्ट्रेशन के वक्त दिए होंगे. हालांकि कमाई और फॉर्म 16 की अन्य जानकारियां आपको देनी होगी. इसके अलावा डिजिटल सिग्नेचर की भी जरूरत पड़ेगी. फॉर्म फाइल करने से पहले कुछ नियम भी बताए गए हैं. उदाहरण के लिए फॉर्म में जो रकम आप एंटर करेंगे वो भारतीय रुपये में हो या फिर डेटा एंटर करते वक्त बैकस्पेस क्लिक न करें. फॉर्म चुनते समय यह सावधानी जरूर बरतें कि चुना गया फॉर्म आपकी कैटेगरी के मुताबिक हो. इन्डिविजुअल (सैलरी), पेंशन इनकम, एक मकान (एक प्रॉपर्टी) से इनकम या अन्य स्रोतों से आय (लॉटरी के अतिरिक्त) वाले लोगों के मामले में फॉर्म ITR-1, जिसे 'सहज' भी कहा जाता है, सेलेक्ट करना होगा. यह फॉर्म 50 लाख तक की कमाई वालों के लिए होता है. अधिकतर नौकरीपेशा लोगों को यही फॉर्म फाइल करना होता है. वहीं पूंजीगत लाभ होने की स्थिति में ITR-2 सेलेक्ट करना होगा. इसी तरह ITR-3, ITR-4, ITR-4S फॉर्म कारोबारियों और प्रोफेशनल्स के लिए है.
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