कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रावर को मानहानि के एक मामले में अहमदाबाद की मेट्मेंरोपोलिटन अदालत में पेश हुए. बाद में उन्हें 15 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी गई गई. अदालत में जज ने राहुल से पूछा- 'क्या आप गिल्टी हैं?' इसके जवाब में राहुल ने कहा – 'जी नहीं.' इसके बाद जज ने पूछा कि क्या वह अपना केस डिफेंड करना चाहेंगे जिसके जवाब में राहुल ने कहा – जी मैं मेरा केस डिफेंड करना चाहूंगा. इसके बाद कोर्ट ने राहुल से पूछा कि क्या उन्होंने मामले से जुड़े डॉक्यूमेंट्स देखे? राहुल ने डॉक्यूमेंट देखने के लिए हाथ बढ़ाए. राहुल ने डॉक्यूमेंट्स देखने के बाद कहा कि उनके एड्रेस में तुगलक रोड और पार्लियामेंट की स्पेलिंग गलत होने की बात अदालत को बताई जिसके बाद अदालत इन्हें सुधारने का हुक्म भी दे दिया. राहुल के वकील ने कोर्ट की सुनवाई शुरू होते समन पर चर्चा शुरू की. राहुल की और से पेश वकीलों ने कहा कि समन होने के चलते राहुल गांधी खुद हाजिर हुए हैं, ऐसे में अब कार्रवाई भले होती रहे उन्हें जाने देना चाहिए. इसके बाद एडीसी बैंक की और से पेश वकील एस वी राजू ने कहा कि राहुल को जमानत मिले इस पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं लेकिन इसके लिए वो जमानत पत्र रखे, जिसका राहुल के वकीलों ने भी विरोध नही किया. पहले कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर जमानत देने को कहा तो राहुल के वकीलों ने 15 हजार की गुजारिश की जिसे कोर्ट ने मान लिया. आखिर कोर्ट ने राहुल के वकीलों द्वारा कहे गये जमानत पत्र को स्वीकार किया और 15 हजार के मुचलके पर उन्हें रिहा किया, इस मामले में अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी. राहुल के साथ इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता और हरियाणा से विधायक रणदीप सिंह सूरजेवाला भी आरोपी हैं. राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला ने सूचना के अधिकार 2005 के तहत मिले एक जवाब के आधार पर बैंक पर आरोप लगाए थे. यह आरटीआई मुंबई के एक एक्टिविस्ट ने लगाई थी. इस आरटीआई में Nabard ने जवाब दिया था. इससे पहले इसी साल अप्रैल में मामले की सुनवाई हुई थी. तब अदालत ने राहुल गांधी को 27 मई को पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन उन्होंने अपील की थी कि उन्हें अधिक समय दिया जाए. कोर्ट ने उनकी मांग स्वीकार करते हुए उन्हें 12 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया था.
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