लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस बड़े बदलाव के मूड में है. कर्नाटक के बाद अब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने सभी जिला समितियों को भंग कर दिया है. कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू को पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन के फेरबदल का प्रभारी नियुक्त किया गया है. पश्चिमी यूपी के प्रभारी का ऐलान अभी नहीं किया गया है. संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि हाल में होने वाले विधानभा उपचुनाव के लिए प्रत्येक सीट पर दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. इसके अलावा तीन सदस्यीय अनुशासन समिति का गठन किया गया है, जो मिल रही शिकायतों पर कार्रवाई करेगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद 13 विधानसभा सीटें रिक्त हुई हैं, जिन पर जल्द ही उपचुनाव होने है. कांग्रेस उपचुनाव के जरिए हार के बाहर निकलना चाहती है. कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू ने Aajtak.in से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने हमारे ऊपर भरोसा करते हुए जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे पूरा करने के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा. आज के बदलते हुए राजनीतिक माहौल में संगठन को खड़ा करने की बड़ी चुनौती है, लेकिन हम संपर्क, संवाद और संघर्ष के जरिए पार्टी को दोबारा से मजबूती देने के दिशा में काम करेंगे. अजय कुमार ने कहा कि अब हमारे ऊपर दोहरी जिम्मेदारी है, ऐसे में हम सदन से लेकर सड़क तक संघर्ष करने का काम करेंगे. उत्तर प्रदेश में सड़क पर लड़ने की बात हो, संपर्क करने की बात या फिर संवाद करने. इन सारी चीजों को जोड़ने की जरूरत है. कांग्रेस का जो कल्चर रहा है और जो विचारधारा रही है, इसके तहत हम घर-घर जाएंगे और संवाद कर लोगों का विश्वास जीतने का काम करेंगे. वह कहते हैं कि हौसले बुलंद होते है तो मंजिले दूर नहीं होते है. हम जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे लाएंगे और सूबे में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाएंगे. निश्चित रूप से ओबीसी समुदाय आता हूं, लेकिन कांग्रेस सभी समुदाय को लेकर चलती है. ऐसे में हम सभी समुदाय को पार्टी से जोड़ने की दिशा में काम करेंगे. बता दें 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा है. इतना ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी में अपनी सीट नहीं बचा सके, उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथ करारी हार का सामना करना पड़ा है. जबकि कांग्रेस ने चुनाव से ऐन पहले प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री कराते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस सूबे में करारी मात के बाद बड़े फेरबदल के लिए कदम उठाया है.
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