पटना में जनता दल (यूनाइटेड) कार्यकारिणी की बैठक जारी है. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर, वशिष्ठ नारायण सिंह और केसी त्यागी मौजूद हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक में जेडीयू अपना आगे का रोडमैप जारी कर सकती है. जेडीयू अपने कार्यकर्ताओं को 3 साल के लिए सदस्य बनाती है. जून 2016 में सदस्य बनाए गए थे. अब 9 जून की इस बैठक में अगले तीन साल के लिए सदस्यता दिलाई जाएगी. बिहार प्रदेश जेडीयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी के विधायकों, सांसदों, पार्षदों और पार्टी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 8 जून से सदस्य बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए. पटना में रविवार की बैठक उन अफवाहों के बीच शुरू हुई है जिनमें कहा जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में जेडीयू के मंत्री शामिल नहीं हुए हैं जिसके बाद नीतीश कुमार कार्यकारिणी की बैठक में कोई फैसला ले सकते हैं. हालांकि शु्क्रवार को जेडीयू ने साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उसके संबंध बने रहेंगे और एनडीए से उसका गठबंधन पहले की तरह ही रहेगा. कुछ दिन पहले नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार में अपने मंत्रियों को शामिल करने से मना कर दिया था और कहा था कि उनकी पार्टी को सांकेतिक भागीदारी की जरूरत नहीं है. इससे पहले बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा था कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के महागठबंधन में आने पर कोई ऐतराज नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जेडीयू महागठबंधन में आने की पहल करती है तो महागठबंधन इस पर विचार करेगा. पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर से दी गई इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी शामिल हुए थे. आरजेडी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने इससे पहले बीजेपी को पछाड़ने के लिए सभी दलों को एक साथ आने की अपील की थी.
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