लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. उत्तर प्रदेश से बीजेपी को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ बने महागठबंधन को लोकसभा चुनाव में उम्मीद से कहीं कम सफलता हाथ लगी. प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कम से कम 60 सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे गठबंधन को महज 15 सीटें ही मिली हैं. इसी बीच खबर आई है कि समाजवादी पार्टी ने टीवी पर पार्टी का पक्ष रखने वाले सभी पैनलिस्ट को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ' राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर टीवी चैनलों पर नामित किये गये पार्टी प्रवक्ताओं का मनोनयन तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है.' वोट प्रतिशत के लिहाज से देखें तो सपा-बसपा-आरएलडी महागठबंधन का प्रयोग बिल्कुल नाकाम साबित हुआ. एक-दूसरे को अपना वोट अंतरित करने का दावा कर रही सपा और बसपा का वोट प्रतिशत बढ़ने के बजाय घट गया. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां सपा को 22.35 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा घटकर 17.96 फीसद ही रह गया. पिछली बार बसपा को 19.77 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे, जो इस बार घटकर 19.26 फीसद रह गये. जहां तक आरएलडी का सवाल है तो पिछली बार की तरह ही वह इस बार भी एक भी सीट जीतने में सफल नहीं रहा. हालांकि उसका वोट प्रतिशत 0.86 प्रतिशत से बढ़कर 1.67 फीसद हो गया. वैसे यह गठजोड़ वर्ष 2014 में एक भी सीट नहीं जीतने वाली बसपा के लिये संजीवनी साबित हुआ. वोट प्रतिशत में गिरावट के बावजूद उसे इस दफा 10 सीटें मिलीं, जबकि सपा को पिछली बार की ही तरह इस बार भी पांच सीटों से संतोष करना पड़ा.
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