श्रीलंका में रविवार को हुए आठ बम धमाकों से पड़ोसी देश दहल गया। धमाकों में हुई मौतों का आंकड़ा 161 पहुंच गया है, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हो गये। मरने वालों में 35 विदेशी लोग भी शामिल हैं। हमले में अभी तक किसी भारतीय के घायल होने या मरने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंका पुलिस ने इन बम धमाकों के बारे में दस दिन पहले ही राष्ट्र को सतर्क किया था कि आतंकवादी देश की प्रमुख चर्चों को निशाना बना सकते हैं। इस चेतावनी के तुरंत बाद सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई थी। इसके अलावा कोलंबो में एक संदिग्ध आत्मघाती हमलावर के बारे में भी पुलिस सतर्क थी। पुलिस को विदेशी खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट किया था। इसमें जानकारी दी गई थी कि एनटीजे (नेशनल तोहिद जमात) प्रमुख चर्चों और कोलंबो में स्थित भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाते हुए आत्मघाती हमलों को अंजाम देने की योजना बना रहा है। बता दें कि एनटीजे श्रीलंका का कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है जिसका नाम पिछले साल ही कई बौद्ध प्रतिमाओं के साथ बर्बरता करने में जोड़ा गया था। गौरतलब है कि रविवार को हुए आठ बम धमाकों ने श्रीलंका को हिला दिया। पुलिस ने बताया कि कोलंबो में सेंट एंथनी चर्च, नौगोंबो में सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोबा में एक चर्च को निशाना बनाया गया। इसके अलावा होटल शांग्री-ला, सिनामोन ग्रैंड और किंग्सबरी में भी धमाका हुआ है। हालांकि इस हमले के जिम्मेदारी अभी तक किसी समूह या व्यक्ति ने नहीं ली है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि श्रीलंका के खिलाफ हुए इस भीषण हमले के पीछे आत्मघाती हमलावर हो सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें, तो श्रीलंकाई पुलिस ने रविवार को धमाकों से पहले चर्चों पर आत्मघाती हमले का अलर्ट जारी किया था। इन धमाकों के बाद पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और एहतियातन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही देश में दो दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया है।
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