गोंडा। जनपद के जनप्रतिनिधि वा भाजपा से लोकसभा प्रत्याशी कीर्ति वर्धन सिंह उर्फ राजा भैया सिर्फ मनकापुर में ही नहीं बल्कि गोंडा में भी अपना राजवाड़ा अलाप रहे है। सिविल लाइंस गोंडा निवासी बाबा राम स्वरूप दास ने कीर्ति वर्धन सिंह पर पुस्तैनी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। गोंडा सांसद कीर्ति वर्धन सिंह मनकापुर में जमीन कब्जे के लिए प्रसिद्ध है। राजा भैया के खासम खास वा उनका कार्यभार देखने वाले शिव शंकर सिंह वा राजेश सिंह असलहों से लैस होकर बीते 11 अप्रैल की सुबह करीब 10 बजे राम स्वरूप दास के घर अपने जन बल के साथ पहुंच कर उनके मकान की दीवार गिराने लगे। और जब पीड़ित पक्षा ने दीवार गिराने से मना किया तो उनके ऊपर तमंचा तान दिया शोर शराबा सुनकर मौके पर लोग इकट्ठा होने लगे तो राजा भैया अपने गुंडों के साथ मौके से फरार हो गए। और ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि राजा भैया का जय महल मैरिज हाल पीड़ित के घर से सटा है और उन्हें अपने मैरिज हाल का दायरा बढ़ाने के लिए और जमीन की आवश्यकता है। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक वा जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र ने अपने जन माल की सुरक्षा की गुहार की है। बताते चलें कि दबंग सांसद पहले भी भूमे विवाद को लेकर सीधे हस्तक्षेप करने के लिए मनकापुर में चर्चित रहे हैं। इन्होंने खुद राधाकुंड स्थित अपने मॉल का निर्माण कराया लेकिन उसने टॉयलेट की व्यवस्था के लिए शेफ्टी टैंक नगरपालिका की भूमि पर बनवा रखा है। मतलब साफ है कीरतिवर्धन सिंह सत्ता में अपनी पकड़ सिर्फ इसलिए बनाए रखना चाहते है जिससे उन्हें अपनी संपत्ति बढ़ाने का मौका मिल सके। इस बार चुनाव में भाजपा से कीर्ति वर्धन सिंह ने दोबारा लोकसभा प्रत्याशी हेतु अपना नामांकन कराया है। हालाकि मोदी लहर में कुत्ते बिल्ली तक को भी सांसद बनाया जा सकता था ऐसे में मोदी जी का राजा भैया को टिकट देने का निर्णय जन हित में है या नहीं यह मोदी जी को सोचना चाहिए था। जैसा कि विदित है कि दबंग सांसद होने के नाते विभागीय स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं होनी चाहिए तो नहीं हुई। जनता के लिए अभी भी वक़्त है वो अपना निर्णय अपने मताधिकार का प्रयोग कर बता सकती है कि उसे जन प्रतिनिधि की आवस्यक्ता है या गुंडे की।
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