भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची गुरुवार शाम को जारी कर दी है। इस सूची में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता और दो बार सांसद रह चुके राजेंद्र अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया गया है। अब भाजपा के लिए चिंता की बात यह है कि मेरठ में शुक्रवार को दिन निकलते ही कई जगहों पर राजेंद्र अग्रवाल का विरोध करना शुरू कर दिया गया है। कई कॉलोनियों में बैनर तक लगा दिए गए हैं कि जिस नेता ने दो बार सांसद रहते हुए सड़कें नहीं बनवाई तो ऐसे नेता को हम वोट बिल्कुल नहीं देंगे। बता दें कि भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में 184 नाम शामिल हैं। उधर, बीजेपी की पहली सूची जारी होने के कुछ घंटों के बाद ही मेरठ के सिसौली गांव में राजेंद्र अग्रवाल का विरोध शुरू हो गया। यहां गली- गली में बैनर लगाकर लोगों से यह अपील की गई कि जो व्यक्ति दो बार सांसद और रेलवे बोर्ड का मेंबर रहते हुए हमारे क्षेत्र में एक भी सड़क नहीं बनवा सका तो ऐसे आदमी को हम सांसद बनवाने के लिए वोट नहीं करेंगे। वहीं सिसौली गांव के ग्रामीणों ने एलान कर दिया है कि अगर बीजेपी इस सीट पर प्रत्याशी नहीं बदलेगी तो सभी लोग नोटा का बटन दबाएंगे। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस का निशाना इस दंगल में केवल भाजपा है। कांग्रेस भाजपा को हराने के लिए कोई भी पैंतरा आजमाने के लिए तैयार है। भले ही इसके लिए पार्टी को कोई रिस्क क्यों न लेना पड़े। यही कारण है कि मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर आखिरी वक्त पर प्रत्याशी बदल दिया गया। भाजपा के लिए अब बड़ी चुनौती यह है कि क्या इस सीट पर भाजपा हैट्रिक बना पाएगी या नहीं। आगामी चुनाव के लिए मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर ऐसी तस्वीर बनाई गई है कि अब भाजपा और कांग्रेस के बीच इस सीट पर मुकाबला कड़ा होता नजर आ रहा है। कांग्रेस ने पहले इस सीट पर ब्राह्मण कार्ड खेला, इसके अगले ही दिन पार्टी के दिग्गजों ने अपना फैसला बदलते हुए नए प्रत्याशी की घोषणा कर दी। अब इस सीट पर हरेंद्र अग्रवाल कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ेंगे।
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