बहराइच 19 फरवरी। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत विकास खण्ड मिहींपुरवा अन्तर्गत कृषि उत्पादन मण्डी समिति परिसर, गंगापुर में आयोजित 02 दिवसीय कृषक मेला/गोष्ठी का मुख्य अतिथि विधायक बलहा अक्षयवर लाल गौड़ ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत गंगापुर के प्रतिनिधि रमेश कुमार मौर्य तथा अन्य गणमान्यजन ने भी माल्यार्पण एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री गौड़ ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने किसानों का आहवान्ह किया कि वैज्ञानिकों द्वारा बताये गये तरीकों से कृषि फसलों के साथ-साथ औद्यानिक फसलों को बोए इससे लागत में कमी आने से लाभ में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नहीं सम्पूर्ण देश में यह क्षेत्र हल्दी, अदरक, परवल, कुन्दरू की खेती के लिए पहचाना जाता है तथा केले की खेती में भी जनपद प्रदेश में अग्रणी स्थान रखता है। इस क्षेत्र में परवल की खेती को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से आगामी वर्ष में 300 हे. क्षेत्रफल में परवल की उन्नतिशील खेती कराये जाने का सरकार का प्रस्ताव है, स्थानीय किसान इस अवसर का अधिकाधिक लाभ उठायें। मुख्य अतिथि ने किसानों से अपील की कि सभी लोग मृदा की जाॅच के अनुसार ही रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करें। उन्होंने जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ को निर्देश दिया कि मिहींपुरवा क्षेत्र हल्दी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना, परवल, कुन्दरू के गे्रडिंग/पैकिंग हेतु शासन को प्रस्ताव भिजवायें इससे हल्दी के विपणन में आ रही समस्या का निदान हो जायेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला उद्यान अधिकारी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना तथा राज्य औषधीय मिशन के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र की जलवायु केला उत्पादन के लिए अति उत्तम है। जिसके लिए विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत अनुदान भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की अति महत्वाकांक्षी कृषक पारदर्शी योजनान्तर्गत ‘प्रथम आवक-प्रथम पावक’ के आधार पर ही किसानों का चयन किया जाता है।
किसान मेले/गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र, बहराइच के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एस.के. वर्मा शाकभाजी/मसाला की उन्नति तकनीक, कृषि वैज्ञानिक डा. शैलेन्द्र कुमार सिंह ने फलों के फसल की सुरक्षा, कृषि विज्ञान केन्द्र, नानपारा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. वी.पी. सिंह ने पुष्प उत्पादन कीट व्याधियों, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एस.बी. सिंह ने पुष्प के विपणन में आने वाली समस्याओं तथा उसके समाधान के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
उद्यान विभाग के योजना प्रभारी आर.के. वर्मा ने कहा कि वन ग्राम से समीप होने के कारण इस क्षेत्र में जंगली जानवरों द्वारा फसलों को काफी नुकसान पहुॅचाया जाता है। इसलिए यहाॅं पर हल्दी, अदरक, परवल, कुन्दरू आदि की खेती किसानों द्वारा बहुतायत से की जा रही है। परन्तु लगातार परवल व कुन्दरू की खेती करने से इसमें निमेटाड (सूत्रकृमि) कीट का प्रकोप होने से फसल को काफी नुकसान हो रहा है। यदि किसान इसके प्रति जागरूक नही होंगे तो परवल एवं कुन्दरू की खेती समाप्त हो जायेगी। उन्होंने किसानों को नीम की खली, फ्यूराडाॅन का प्रयोग करने, उपयुक्त फसल चक्र अपनाये जाने के साथ-साथ गेंदा की सह फसली करने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे निमेटोड (सूत्रकृमि) को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। श्री वर्मा ने बताया कि औद्यानिक उत्पादों के विपणन में विभाग द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। इच्छुक किसान किसी भी कार्य दिवस में योजना प्रभारी/जिला उद्यान अधिकारी से सम्पर्क कर अन्य सुझाव भी प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम में मौजूद प्रगतिशील कृषक सोमवर्धन पाण्डेय व राम केवल गुप्ता ने भी अपने अनुभवों को कृषकों के साथ साझा किया।
इस अवसर पर पूर्व जिला पचायत सदस्य राम तपेश्वर कुशवाहा, शिव शंकर मौर्य, उमाशंकर गौड़, देवदत्त शाह, अरविन्द मौर्य, बलराम जी कुशवाहा, तेज प्रताप, संजीव गौड, प्रहलाद, शीबू, ओंकार, मौजीलाल सहित बड़ी संख्या में प्रगतिशील कृषक मौजूद रहे।
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