बहराइच 28 जनवरी। चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है तथा प्रदेश के 35 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार भी है। प्रदेश में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के माध्यम से गन्ना किसानों की उन्नति, उनकी आय बढ़ाने, खेती में तकनीकी सुधार, त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान एवं चीनी उद्योग के सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य किये जा रहे हैं। गन्ना विकास विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ऐतिहासिक गन्ना मूल्य का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किया गया है, जिसमें गत पेराई सत्र 2017-18 के देय गन्ना मूल्य रू. 35,463.68 करोड़ के सापेक्ष रू. 34,202.82 करोड़ भुगतान हो चुका है तथा रू.1,260.86 करोड़ अवशेष है। उक्त के अतिरिक्त वर्तमान पेराई सत्र के देय गन्ना मूल्य रू.10,969.86 करोड़ के सापेक्ष रू. 5,249.26 करोड़ तथा इससे पूर्व के पेराई सत्रों का भी रू.10,605 करोड़ का भुगतान कराया गया है। इस प्रकार कुल रू. 50,057.53 करोड़ का रिकाॅर्ड गन्ना मूल्य भुगतान वर्तमान सरकार द्वारा सुनिश्चित कराया जा चुका है, जो दो पूर्ववर्ती पेराई सत्रों 2015-16 एवं 2016-17 के सम्मिलित रूप से देय कुल गन्ना मूल्य रू. 43,389 करोड़ से रू. 6,668 करोड़ अधिक है। इसके अतिरिक्त भी भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ भी नीलामी आदि के माध्यम से वसूली की कार्यवाही प्रगति पर है। कृषकों के हित में पेराई सत्र 2017-18 के देय गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान सुनिश्चित कराये जाने के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों को उनके बकाये गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान कराये जाने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में पहली बार चीनी मिलों को सरल ब्याज पर ऋण दिए जाने हेतु “चीनी उपक्रमों-2018 को वित्तीय सहायता दिये जाने की योजना” घोषित की गयी तथा इस हेतु रू. 4,000 करोड़ के ऋण की व्यवस्था की गयी, जिसके अनतर्गत 50 चीनी मिलों को रू. 2,605 करोड़ का ऋण भुगतान किया गया। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा पेराई सत्र 2017-18 में खरीदे गये कुल गन्ने की मात्रा के आधार पर रू. 4.50 प्रति कुं. की दर से लगभग रू. 430 करोड़ की धनराशि चीनी मिलों को वित्तीय सहायता के रूप में प्रदान की गयी। सहकारी चीनी मिलों के गन्ना किसानों के बकाये भुगतान के लिए रू. 887 करोड़ तथा चीनी निगम के मिल के लिए रू. 23 करोड़ के ऋण का प्राविधान कर इनका बकाया गन्ना मूल्य शत-प्रतिशत भुगतान कराया गया। उत्तर प्रदेश की निजी, निगम और सहकारी क्षेत्र की कुल 119 चीनी मिलों मंे से 92 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2017-18 का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। प्रदेश में नये सदस्यों के पंजीकरण में वृद्धि से जहाॅ फर्ज़ी सट्टों पर लगाम लगी है वहीं घटतौली के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए कड़ी कार्यवाही भी की गयी है। पर्ची निर्गमन की वर्तमान व्यवस्था से उन दलालों एवं माफियाओं पर अंकुश लगा है जो पूर्व में मिल से येन-केन प्रकारेण इच्छानुसार पर्चियां प्राप्त कर रहे थे। यहां यह उल्लेखनीय है कि, वर्तमान वर्ष में प्रदेश में इस वर्ष रिकार्ड 5,05,575 नये सदस्य बने हैं तथा 1,19,846 फर्जी आपूर्तिकर्ताओं के सट्टे बन्द किये गये हैं। पेराई सत्र 2018-19 में गन्ना क्रय केन्द्रों की जाॅच के दौरान पायी गयी अनियमितताओं के विरूद्ध की गयी कार्यवाही पेराई सत्र 2018-19 में मुख्यालय स्तर पर गठित जाॅच दल एवं अन्तर्जनपदीय जाॅच दल द्वारा तथा क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा दिनांक 23 जनवरी 2019 तक कुल 8,791 निरीक्षण किये गये हंै। निरीक्षण के दौरान 57 गम्भीर तथा 549 सामान्य कुल 606 अनियमिततायें पायी गयी हैं। जिसमें से 35 गम्भीर तथा 440 सामान्य मामलों में नोटिस जारी की जा चुकी है तथा 64 मिल तौल लिपिकों के लाइसेंस निलम्बित तथा 01 लाइसेंस का निरस्तीकरण किया जा चुका है, साथ ही सक्षम न्यायालय में 02 वाद भी दायर किया जा चुका है। पेराई सत्र में पायी गयी अनियमितताओं में से 01 गम्भीर तथा 58 सामान्य मामलों को जिलाधिकारियों के द्वारा निस्तारित किया जा चुका है। जिलाधिकारियों के स्तर पर अभी 16 गम्भीर तथा 100 सामान्य मामले विचाराधीन हैं। क्रय केन्द्रों पर घटतौली के प्रकरण पाये जाने पर 03, अवैध गन्ना खरीद पाये जाने पर 11 तथा अन्य मामलों में 02 कुल 16ं एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है। अवैध गन्ना खरीद फरोख्त के विरूद्ध छापेमारी के दौरान 2,305.73 कुन्तल गन्ना मूल्य रूपये 7,18,934.20 का अवैध गन्ना पकड़ा गया है।
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