तेजस्वी यादव के बीएसपी सुप्रीमो मायावती और अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद बिहार में नई सियासी खींचतान शुरू हो गई है. तेजप्रताप यादव ने आज खुला ऐलान कर दिया है कि बीजेपी के खिलाफ बड़ी जीत हासिल करनी है तो कांग्रेस को साथ लेकर चलना पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सबको जोड़ने की पहल करनी होगी तो वे खुद करेंगे. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे खुद राहुल गांधी, मायावती और अखिलेश यादव से बात करेंगे. अगर बीजेपी को हराना है तो किसी भी कीमत पर सबको एक साथ लेकर चलना होगा.
जाहिर है तेजप्रताप के इस बयान से आरजेडी के लिए नई मुसीबत खड़ी हो सकती है. दरअसल खुलकर तो नहीं लेकिन तेजस्वी यादव के मायावती और अखिलेश यादव से मिलने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि उन्होंने पीएम पद के लिए मायावती को अपना समर्थन दिया है. ऐसे में तेजप्रताप के बयान से बीएसपी और एसपी से बिहार में आरजेडी के सियासी समीकरण को झटका लग सकता है.
दरअसल तेजस्वी यादव रविवार रात में मायावती से मिल चुके हैं और उन्होंने पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी लिया. ट्विटर पर तस्वीर भी शेयर की थी. सोमवार को उन्होंने अखिलेश यादव के साथ मिलकर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया था.
आपको बता दें कि सियासी गलियारों में चर्चा है कि आरजेडी यूपी में दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. बदले में तेजस्वी ने लोकसभा चुनाव में मायावती को बिहार की गोपालगंज सीट देने का ऑफर भी दिया है. अब तेजप्रताप के बयान से महागठबंधन के भीतर ही उथल-पुथल हो सकती है.
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