बिहार के कोसी कमिश्नरी में निचली अदालतों का निरीक्षण करने के दौरान पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ए.पी. शाही का सामना एनएच की दुर्दशा से हुआ। सुपौल जिला के बीरपुर से भागलपुर जिला के बिहपुर और नवगछिया आते समय महज 35 किमी के सफर में उन्हें दो घंटे लग गए। इस दौरान जर्जर एनएच 106 की दुर्दशा और धूल भरी सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों पर उन्होंने टिप्पणी की।
अपनी परेशानी भरी यात्रा के संबंध में उन्होंने अपना अनुभव सुनाया, जिसपर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। इसे जनहित याचिका में तब्दील करते हुए शुक्रवार को सुनवाई हो रही है। चीफ जस्टिस ने महाधिवक्ता ललित किशोर को भी शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने को कहा है।
चीफ जस्टिस ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि उत्तर बिहार की निचली अदालतों का निरीक्षण करने गए थे। सुपौल के बीरपुर से नवगछिया के बिहपुर जाने के रास्ते में मुझे एनएच 106 पर मधेपुरा में 35 किमी का सफर तय करने में 2 घंटे लग गए। हाईवे के चारों तरफ धूल ही धूल मिला। पता चला कि हाईवे का निर्माण पिछले एक साल से अधूरा पड़ा है। स्कूली बच्चों और स्थानीय लोग मुंह पर कपड़ा ढंक कर चलते दिखे। उन्होंने कहा कि जब वहां रुककर सरकारी इंजीनियर से अधूरे निर्माण का कारण पूछा, तो जवाब मिला कि ठेकेदार कंपनी दूसरे राज्य की है।
ठेकेदार साल भर पहले काम छोड़कर चला गया है। जब कंपनी पर कार्रवाई के बारे में पूछा, तो जवाब मिला कि कोशिश की जा रही है। इस दौरान ऐसा लगा कि हम सड़क नहीं, बल्कि वैतरणी पार कर रहे हैं। एक साल से हाईवे का काम बंद है और सरकार ठेकेदार पर कार्रवाई की सिर्फ कोशिश कर रही है।
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