पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में 7 साल कारावास की सजा सुनाई गई है. उनको ये सजा अल अजीजिया स्टील मिल मामले में हुई है, जबकि फ्लैगशिप रिफरेंस मामले में उन्हें बरी कर दिया गया है. अदालत ने ये फैसला पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ की मौजूदगी में सुनाया. इस मामले में न्यायाधीश मोहम्मद अरशद मलिक ने 68 वर्षीय शरीफ के खिलाफ सुनवाई पूरी कर लेने के बाद पिछले हफ्ते फैसला सुरक्षित रखा था.नैब की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘ अभियुक्त के खिलाफ फ्लैगशिप इनवेस्टमेंट मामले में कोई केस नहीं बनता है, जबकि अल अजीजिया स्टील मिल केस में दोष सिद्ध होता है.’शरीफ के वकील ने इससे पहले मामले पर फैसला टालने की अपील की थी. उन्होंने तर्क दिया था कि वह कुछ और सबूत पेश करना चाहते हैं लेकिन कोर्ट ने उनकी मांगों को खारिज करते हुए अपना फैसला सुना दिया.इससे पहले एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज केस में जवाबदेही कोर्ट ने 6 जुलाई को नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद कैप्टन सफदर को दोषी पाया था. नवाज शरीफ पर आय से अधिक संपत्ति होने का आरोप था. वहीं, मरियम पर नवाज को लंदन में चार फ्लैट खरीदने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, इस मामले में फैसला आने के दो महीने बाद ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में तीनों की सजा निलंबित कर दी थी.
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