कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी किसानों की कर्जमाफी को बड़ा मुद्दा बनाएगी. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि प्रधानमंत्री बनते ही राहुल गांधी सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी का फैसला करेंगे. केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली के संसद मार्ग पर किसान खेत मजदूर कांग्रेस की ‘जवाब दो हिसाब दो’ रैली में सुरजेवाला ने ये बड़ा बयान दिया. हालांकि किसान कांग्रेस की ये रैली बेहद फीकी रही जिस कारण कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसमें शरीक नहीं हुए.बीजेपी छोड़ कर और संसद से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने वाले नाना पटोले को हाल में ही राहुल गांधी ने कांग्रेस के किसान संगठन ‘किसान खेत मजदूर कांग्रेस’ की कमान दी है. नाना पटोले ने बड़े जोर-शोर से ‘जवाब दो हिसाब दो’ रैली और संसद घेराव का एलान किया. लेकिन किसानों के इतने गंभीर मुद्दे पर हुए इस प्रदर्शन में भीड़ ही नहीं जुट पाई और पूरा कार्यक्रम फ्लॉप रहा. हालांकि किसान को कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता देश भर से जुटे लेकिन प्रदर्शन पूरी तरह अव्यवस्थित और फीका रहा.20 दिनों पहले ही पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों ने अपने प्रदर्शन के दौरान संख्या बल और पुलिस से टकराव के कारण सरकार के पसीने छुड़ा दिए. इस कारण कांग्रेस द्वारा बड़ा प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई जा रही थी जो गलत साबित हुई. बहरहाल मंच से नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों को जम कर कोसा. नेताओं ने मोदी सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि सरकार ने अपना कोई वादा पूरा नहीं किया. रणदीप सुरजेवाला ने कर्जमाफी की बात कह कर खूब तालियां बटोरी.प्रदर्शन में आए किसान कर्जमाफी और फसलों के सही दाम की मांग कर रहे थे. किसान नेताओं ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर कर्जमाफी होगी. दरअसल यूपीए सरकार ने किसानों का कर्जमाफ किया था. कांग्रेस उसी कर्जमाफी की याद दिला कर वादा कर रही है कि उसकी सरकार बनने पर कर्जमाफी होगी. दूसरी तरह केंद्र की मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दुगना करने की बात कह चुकी है. ऐसे में देखना होगा कि किसान को किसका वादा ज्यादा लुभाता है!
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