राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं की परेशानियों को दूर करने के लिए काम कर रही है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार ने नाइट शिफ्ट में काम करते समय महिलाओं को होने वाली परेशानियों को दूर करने की दिशा में काम किया है, साथ ही काम के दौरान उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की है.’प्रधानमंत्री के इस बयान को देश भर से सामने आ रहे मी टू मामलों के समर्थन में जोड़कर देखा जा रहा है. गौर हो कि मी टू कैंपन के तहत कई पत्रकार और मंत्री समेत देश के कई बड़े चेहरों के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगे हैं.बता दें कि पीएम मोदी के इस भाषण से कुछ ही देर पहले मी टू कैंपेन के तहत आ रहीं यौन शोषण की शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने एक कमेटी के गठन का फैसला किया है. केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने #MeToo के तहत आए मामलों की जांच करने के लिए एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया है. वरिष्ठ न्यायविद् और कानून के पेशे से जुड़े लोग इसके मेंबर होंगे और सारे मामलों की जांच करेंगे.पीएम मोदी ने कहा, ‘शौचालय न होने की मजबूरी में, जो अपमान वो गरीब भीतर ही भीतर महसूस करता था, वो किसी को बताता नहीं था. विशेषतौर पर मेरी करोड़ों बहन-बेटियां, उनके लिए ये गौरव से जीने के अधिकार का हनन तो था ही, साथ ही जीने के अधिकार को लेकर भी गंभीर सवाल था.’उन्होंने कहा कि मानवाधिकार सिर्फ नारा नहीं होना चाहिए ये संस्कार होना चाहिए. लोक नीति का आधार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सबको कमाई, पढ़ाई, दवाई और सबकी सुनवाई के लक्ष्य के साथ ऐसे अनेक काम हुए हैं, जिससे करोड़ों भारतीय भीषण गरीबी से बाहर निकल रहे हैं. देश बहुत तेज़ गति से मध्यम वर्ग की बहुत बड़ी व्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है.न्यायिक क्षेत्र में सरकार के कदमों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि न्याय पाने के अधिकार को और मजबूत करने के लिए सरकार ई-कोर्ट्स की संख्या बढ़ा रही है. नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड को सशक्त कर रही है.राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने डाक टिकट और स्पेशल कवर जारी किए. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय मानवाधिकार की वेबसाइट के नए वर्जन को लॉन्च किया.
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






