जनगणना को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. साल 2021 में होने वाली जनगणना में पहली बार पिछड़ी जातियों का भी आंकड़ा आएगा. आज केंद्रीय गृह मंत्री राजनथा सिंह ने साल 2021 में होने वाली जनगणना बैठक की समीक्षा की है. इसी बैठक में राजनाथ सिंह ने ओबीसी का डाटा जारी करने का फैसला किया है.बता दें कि इस बार तीन साल के अंदर जनगणना का काम पूरा होगा. इससे पहले इस काम में करीब सात से आठ साल लगते थे. इतना ही नहीं इस बार सेटेलाइट के जरिए घरों की जानकारी भी इकट्टा करने पर विचार चल रहा है. इस काम में लगभग 25 लाख कर्मचारी लगाए जाएंगे.इस बैठक में रजिस्ट्रार जनरल जनगणना कमिश्नर गृहसचिव आदि मौजूद थे. गौरतलब है कि साल 2021 की जनगणना से जुड़ा कार्य इस साल शुरू हो जाएगा. इसके तहत देश की समूची 1.30 अरब आबादी को कवर किया जाएगा. पिछली जनगणना 2011 में हुई थी. इसकी रिपोर्ट के मुताबिक भारत की आबादी 1,210,854,977 थी. वहीं पिछली बैठक में बताया गया था कि अखिल भारतीय स्तर पर जन्म के पंजीकरण का स्तर 88 फीसदी और मृत्यु के पंजीकरण का करीब 76.6 फीसदी था.
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