कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को नोटबंदी और राफेल डील के मसले पर केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले बोले. उन्होंने कहा कि नोटबंदी नाकाम रही. यह फैसला लोगों पर आक्रमण था. प्रेस कांफ्रेस कर राहुल ने इन दोनों मुद्दों पर सरकार को घेरा. राफेल डील पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार तथ्यों को छुपा रही है और झूठ बोल रही है.राहुल ने आरोप लगाया, ‘नोटबंदी का लक्ष्य साफ था. यह पीएम मोदी के दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए था. नोटबंदी कोई गलती नहीं थी, यह जानबूझकर उठाया गया कदम था. यूपीए सरकार के समय 2.5 लाख करोड़ रुपये का एनपीए था. अब यह बढ़कर 12.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है.’ उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी का कोई रिजल्ट नहीं आया. नोटबंदी एक बहुत बड़ा घोटाला है. इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा. उन्हें बताना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ.राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के फैसले से केंद्र सरकार ने लोगों पर कहर बरपाया. इससे दो प्रतिशत जीडीपी और करोड़ों लोगों का रोजगार गयापीएम के दोस्तों ने नोटबंदी के दौरान काला धन सफेद किया.आरबीआई ने बुधवार को अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की. इसके मुताबिक 99.30 फीसदी नोट बैंक खातों में आ गए. भारतीय रिजर्व बैंक की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिजर्व बैंक ने कहा था कि नोटबंदी के समय आठ नवंबर, 2016 को मूल्य के हिसाब से 500 और 1000 रुपये के 15.41 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं. इसका मतलब है कि बंद नोटों में सिर्फ 10,720 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही बैंकों के पास वापस नहीं आए हैं. हालांकि, पहले यह अनुमान लगाया गया था कि तीन लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में वापस नहीं लौटेंगे, क्योंकि इन्हें कर बचाने के लिए देश से बाहर जमा किया हुआ है.राफेल डील पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राफेल डील पर कहा कि सरकार झूठ बोल रही है. इस सौदे में तथ्यों को छुपाया जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पूरा विपक्ष और कांग्रेस पार्टी राफेल डील पर संयुक्त संसदीय कमिटी(जेपीसी) गठित करने पर राजी है. बीजेपी इससे दूर क्यों भाग रही है.बकौल राहुल, ‘राहुल ने कहा कि मैंने अरूण जेटली के जरिए प्रधानमंत्री को एक ऑप्शन दिया. ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बिठाकर सवाल पूछते हैं. सब साफ हो जाएगा. अरूण जेटली लंबे लंबे ब्लॉग लिख रहे हैं लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया. अब मुझे मालूम है अरूण जेटली फंस गए हैं.’
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