कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने पहली बार इफ्तार पार्टी का आयोजन किया. दिल्ली के ताज पैलेस होटल में चल रही कांग्रेस की इस इफ्तार पार्टी में धार्मिक और सियासी जमावड़े के साथ ही विपक्ष के नेताओं ने शिरकत की. इफ्तार पार्टी में कांग्रेस ने 18 राजनीतिक दलों को न्योता दिया. हालांकि, सिर्फ 10 दलों के नेताओं ने ही शिरकत की. इफ्तार पार्टी में राहुल गांधी ने मुस्लिम टोपी पहनी. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के फिटनेस चैलेंज के वीडियो का जिक्र किया और कांग्रेस नेताओं के साथ हंसते नज़र आए.राहुल गांधी ने अपने टेबल पर बैठे गेस्ट से पूछा- ‘आपने पीएम का फिटनेस वीडियो देखा?’ फिर कुछ देर रुककर उन्होंने कहा- it’s bizarre (ये कितना अजीब है). कांग्रेस अध्यक्ष के इस कमेंट पर दिनेश त्रिवेदी और सीताराम येचुरी ने जोर से ठहाके लगाए.फिर राहुल ने हंसते हुए सीताराम येचुरी से पूछा- आपने भी अपना फिटनेस वीडियो बनाया? जिस पर येचुरी फिर ज़ोर से हंसे.18 दलों को भेजा गया न्योता
इस इफ्तार पार्टी में कांग्रेस की ओर से 18 राजनीतिक दलों के नेताओं को न्योता दिया गया. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष रहने के दौरान सोनिया गांधी ने 2015 में इफ्तार का आयोजन किया था. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस पार्टी से विपक्षी एकजुटता की जमीन मजबूत होगी.कांग्रेस की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए ये नेता
कांग्रेस की इफ्तार पार्टी में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. इसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के अलावा सीपीएम नेता सीताराम येचुरी समेत लेफ्ट के कई नेता शामिल हुए. पार्टी में कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, राजीव शुक्ला, शीला दीक्षित पार्टी पहुंचे. वहीं, जेडीयू के पूर्व नेता शरद यादव, टीएमसी के दिनेश त्रिवेदी, एनसीपी के डीपी त्रिपाठी, आरजेडी के मनोज झा, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, डीएमके के कनिमोझी, एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल, जेएमएम के हेमंत सोरेन, आरएलडी के डॉ. मिराजदुद्दीन, जेडीएस के दानिश अली मौजूद रहे.कौन-कौन नहीं आया?
राहुल गांधी की इफ्तार पार्टी में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी और आरजेडी के तेजस्वी यादव और एनसीपी के शरद पवार नहीं पहुंच पाए हैं. वहीं, राहुल ने इस पार्टी में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को नहीं बुलाया.क्या है इफ्तार पार्टी के राजनीतिक मायने?
राहुल गांधी की इफ़्तार पार्टी के राजनीतिक हल्कों में कई मायने लगाए जा रहे हैं. एक तो ज़्यादातर विपक्ष के बड़े नेता की गैरमौजूदगी ने साफ़ कर दिया कि 2019 में राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकारने को लेकर कोई भी अभी अपने पत्ते नहीं खोलना चाहता. दो साल पहले जब सोनिया गांधी ने बतौर अध्यक्ष इफ़्तार पार्टी दी थी, तो ज़्यादातर विपक्ष के नेताओं ने उसमें शिरकत की थी. अब राहुल गांधी के इस फीके शो को ढकने के लिए कांग्रेस के नेताओं की दलील है कि आखिरी वक्त में इफ़्तार के आयोजन के फ़ैसले की वजह से विपक्ष के बड़े नेता इसमें शामिल नहीं हो पाए. लेकिन, ये सच्चाई कांग्रेस के नेता भी जानते हैं कि जो साख विपक्षी दलों में सोनिया गांधी की है, वहां तक पहुंचने में राहुल गांधी को अभी लंबा सियासी सफ़र तय करना होगा.नकवी बोले- राहुल गांधी की इफ्तार पार्टी पॉलिटिकल इंजीनियरिंग
राहुल गांधी की इफ्तार पार्टी पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास ने बयान दिया है कि राहुल गांधी की इफ्तार पार्टी पॉलिटिकल इंजीनियरिंग है. हमारा इफ्तार सोशल इंजीनियरिंग है. बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस की इफ्तार पार्टी केवल वीआईपी लोगों के लिए है. उन्होंने कहा कि उनकी इफ्तार पार्टी में गरीब औरतें आईं हैं. नकवी ने कहा, ‘कुछ मंत्री खुद आ गए लेकिन हमने किसी वीआईपी को नहीं बुलाया.’
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