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Monday, February 17, 2025 10:12:57 AM

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सीएम नीतीश ने कहा -नोटबंदी रही फेल कुछ लोग अपना पैसा एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने में रहे कामयाब

सीएम नीतीश ने कहा -नोटबंदी रही फेल कुछ लोग अपना पैसा एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने में रहे कामयाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के चार साल पूरे होने पर उन्हें अपनों ने खूब बधाइयां दी, इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हैं, लेकिन कभी नोटबंदी की पुरजोर हिमायत करने वाले नीतीश ने पीएम मोदी को बधाई तो जरूर दी, लेकिन उनके बधाई ट्वीट और उससे चंद मिनट पहले बैंककर्मियों के बीच उनके बयान ने गठबंधन के रिश्तों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.नीतीश ने मोदी की सरकार के चार साल पूरे होने पर बधाई देते हुए ट्वीट किया,”माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को सरकार के गठन के 4 साल पूरे होने पर बधाई. विश्वास है कि सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी.”नीतीश के इस बधाई संदेश के आखिरी जुमले से गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं होने वाली चुगली दिखती है और इस बधाई संदेश से पहले नीतीश के एक दूसरे बयान पर ग़ौर करने से पता चलता है कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है.कभी नोटबंदी की पुरजोर हिमायत करने वाले नीतीश कुमार ने इसे नाकाम कदम बताया. हालांकि, इसकी विफलता के लिए बैंकों को जिम्मेदार ठहराया. नीतीश ने कहा, ‘मैं नोटबंदी का समर्थक था लेकिन इससे फायदा कितने लोगों को पहुंचा? कुछ लोग अपना पैसा एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने में कामयाब रहे.नोटबंदी के लिए नीतीश कुमार बैंकों पर बरस पड़े. उन्होंने कहा,”बैंक छोटे कर्जदारों से पैसे वसूलने में जुटे रहते हैं, लेकिन उनके बारे में क्या करते हैं जो मोटी रकम कर्ज लेते हैं और गायब हो जाते हैं. ये अपने आप में हैरत में डालने वाला है कि इसकी जानकारी बड़े बैंक अधिकारियों को भी नहीं होती है. बैंकिंग सिस्टम में सुधार की जरूरत है. मैं इसकी आलोचना नहीं कर रहा हूं, बल्कि मैं चिंतित हूं.”इस मौके पर उन्होंने ये बात भी कही कि बिहार को तब तक निजी निवेश नहीं मिलेगा जब तक इसे विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाता. बिहार के लिए बैंकों की ग़लत नीति का शिकवा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा,”बिहार के लोगों में कर्ज लेने की ओई आदत नहीं है, दूसरे बैंक के जो नियम हैं, उससे जो लेना भी चाहते हैं, उन्हें काफी परेशानी होती है.”हालांकि, मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर बिहार को लेकर नीतीश के इस हालिया रुख की वजह पता नहीं चल पाया, लेकिन माना जाता है कि बीते साल बिहार में आए बाढ़ के राहत कार्य के लिए केंद्र से जो पैसा रिलीज़ हुआ, उससे नीतीश खुश नहीं हैं. केंद्र ने 1,711 करोड़ जारी किए हैं, जबकि नीतीश ने 7,636 करोड़ मांगे थे.

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