सीएम सिद्धारमैया ने वोटिंग के दिन भी विपक्षी पार्टियों जेडीएस और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि चामुंडेश्वरी सीट से उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे जेडीएस के कैंडिडेट जीटी देव गौड़ा ने रुपयों के बल पर वोट खरीदने की कोशिश की है. उन्होंने सवाल उठाया कि जीटी देव गौड़ा खुद को सोसाइटी के सेक्रेट्री बताते हैं, उनके पास इतना सारा रुपया कहां से आया इसका पता लगाया जाना चाहिए. बीजेपी पर आरोप लगाते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि जेडीएस के सपोर्ट में उन्होंने यहां से डमी कैंडिडेट उतारा है.क्या है सीट का गणित
गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दो विधानसभा सीटों से किस्मत आजमा रहे हैं. वे दक्षिण कर्नाटक की विधानसभा सीट चामुंडेश्वरी और नॉर्थ कर्नाटक की बदामी विधानसभा सीट से चुनावी रणभूमि में उतरे हैं. सिद्धारमैया ने अपनी पुरानी और परंपरागत चामुंडेश्वरी सीट पर दो चुनाव के बाद वापसी की है. फिलहाल चामुंडेश्वरी सीट पर जेडीएस के जीटी देवगौड़ा का कब्जा है. 2013 में वे कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर विधायक बने थे. जेडीएस ने एक बार फिर उन्हें सिद्धारमैया के सामने उतारा है. जबकि बीजेपी ने एसआर गोपाल राव पर दांव लगाया है. इसके अलावा भारतीय जनशक्ति कांग्रेस के एमएस प्रवीण और सामान्य जनता पार्टी के एम मदेशा सहित 15 उम्मीदवार मैदान में हैं.चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट पर करीब ढाई लाख मतदाता हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 70 हजार वोक्कालिगा समुदाय के हैं, जबकि ओबीसी, दलित, मुस्लिम वोटरों की संख्या तकरीबन 1 लाख है. इसके अलावा 30 हजार लिंगायत हैं जबकि कुरबा सुमदाय की संख्या करीब 35 हजार है. सिद्धारमैया इस उम्मीद में हैं कि लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा दिए जाने का उनकी सरकार का फैसला इस समुदाय को कांग्रेस पार्टी और उनकी तरफ आकर्षित करने में काफी मददगार साबित होगा. इसके अलावा उन्हें मुस्लिम, ओबीसी और दलित मतों से अपनी जीत की उम्मीद है.सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत चामुंडेश्वरी सीट से 1983 में की थी. उस समय उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस के दिग्गज नेता डी जय देवराज को मात दी थी. तब से वह यहां से पांच बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं, जबकि दो बार उन्हें हार का भी सामना करना पड़ा. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में जेडीएस के जीटी देवगौड़ा को 75 हजार 864 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार एम सत्यनारायण को 68 हजार 761 वोट मिले थे. इस तरह से जीडीएस ने 7 हजार 103 मतों से जीत दर्ज की थी. चामुंडेश्वरी सीट ऐसी हैं जहां बीजेपी कभी भी जीत नहीं सकी है. 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी यहां दूसरे नंबर पर रही थी.
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