CBI ने भारतीय सेना में भर्ती घोटाले के मामले में केस दर्ज किया है. यह मामला 2016 का है. इस FIR में कुल 41 संदिग्धों के नाम को शामिल किया गया है. इसमें से 34 लोग वे हैं, जो भारतीय सेना की टेक्निकल, मेडिकल और जनरल ब्रांच में इस समय बतौर सैनिक तैनात हैं.सीबीआई ने बताया कि मामले की जांच पिछले साल ही शुरू कर दी गई थी. यह भर्ती साल 2016 में हुई थी. मामले में संदिग्ध लोगों पर स्थानीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलीभगत करके फर्जी डोमिसाइल तैयार करवाने और इसका भर्ती में इस्तेमाल करने का आरोप है. सीबीआई की यह कार्रवाई उस समय सामने आई है, जब सेना में महिलाओं को अहम पदों पर तैनात किए जाने की बहस चल रही है.हाल ही में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार सेना, नौसेना और वायुसेना में महिलाओं की भर्ती के लिए एक ‘समन्वित रुख’ के लिए काम कर रही है. इस मामले में अभी तीनों सेवाओं में एकरूपता नहीं है. सरकार शॉर्ट सर्विस कमीशन में भी भर्ती हुई महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने के लिए तैयार है.सीतारमण ने कहा था कि महिलाओं की भर्ती के नियमों को लेकर अभी सशस्त्र बलों के बीच एकरूपता नहीं है. हालांकि वायुसेना में महिलाएं लड़ाकू पायलट की भूमिका में आ चुकी हैं, जिसे सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जबकि सेना में महिलाएं अभी महत्वपूर्ण पदों पर नहीं दिखती हैं.तीनों बलों में एकरूपता नहीं होने की बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा था कि लैंगिक भेदभाव के बिना काम करने वाली नौसेना में भी महिलाएं समुद्र में नहीं जा सकतीं. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया था कि उनकी सरकार महिलाओं के रक्षा सेवाओं में आने को लेकर बेहद खुले विचारों वाली है और ज्यादा से ज्यादा महिलाएं बलों में आ भी रही हैं.हालांकि, इस बीच उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसे कुछ मामलों में उन महिलाओं को लेकर फैसला आना अभी बाकी है, जहां अस्थायी कमीशन प्राप्त महिलाएं इस सवाल के साथ अदालत गई थीं कि उन्हें स्थायी कमीशन क्यों नहीं दिया जा सकता?
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