देश के आखिरी गांव तक बिजली पहुंचाने के प्रधानमंत्री के दावे को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जुमला करार दिया तो खुद मोदी ने इसे लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया है. पीएम मोदी ने कर्नाटक के चामराजनगर में एक चुनावी रैली में कहा कि 28 अप्रैल का दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. देश के 18 हज़ार गांव, जो 18वीं शताब्दी में जी रहे थे, गांव ने बिजली नहीं देखी थी, उन गांवों तक बिजली पहुंचाने का काम पूरा कर दिया.कांग्रेस की सरकारों पर हमला करते हुए मोदी ने पूछा कि आखिर ऐसा क्यों है कि आजादी के 70 सालों बाद भी देश के 4 करोड़ घरों में बिजली नहीं है. उन्होंने कहा,”हमने बीड़ा उठाया है, समय सीमा के अंदर बिजली पहुंचाई.”पीएम मोदी ने इसके बाद कांग्रेस पार्टी और ‘हर गांव में बिजली’ पहुंचाने को जुमला कहने वाले पी चिदंबरम को याद दिलाया कि मनमोहन सिंह ने 2005 में वादा किया था कि साल 2009 तक देश के हर गांव में बिजली पहुंचा देंगे. मोदी ने पूछा कि आखिर उस वादे का क्या हुआ.पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा,”हमने अपने वादे से पहले ही देश के आखिरी गांव तक बिजली पहुंची दी है. अब हमारा अगला लक्ष्य देश के हर-हर घर में बिजली पहुंचाना है. इसके लिए पीएम मोदी ने देश के 4 करोड़ घरों में मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने का वादा किया.”आपको बता दें कि मंगलवार को कांग्रेस के सीनियर नेता पी चिदंबरम ने कहा कि देश के 100 फीसदी गांवों में बिजली पहुंचाने का पीएम मोदी का दावा जुमला है. चिदंबरम ने कहा कि ऐसा कहकर मोदी पिछली सरकारों के काम का क्रेडिट ले रहे हैं.चिदंबरम ने कहा कि 18,452 गांवों में बिजली पहुंचाकर 5,97,464 गांवों में बिजली पहुंचाने का दावा किया जा रहा है. उनका कहना था कि पीएम मोदी को बताना चाहिए कि आखिर उनसे पहले 5,79,012 गांवों में बिजली किसने पहुंचाई?
चिदंबरम ने मोदी को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि क्या ये सही नहीं है कि अक्टूबर 2013 से पहले पहले 5,61,613 गावों (94%) में बिजली कनेक्शन पहुंचा दी गई थी. इसके साथ ही चिदंबरम ने ये भी कहा कि पीएम मोदी कह रहे हैं कि बीते 65 साल में कुछ भी नहीं हुआ, जब कुछ नहीं हुआ तो आखिर 5,79,012 गांवों में बिजली कैसे पहुंच गई?
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