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Tuesday, April 29, 2025 2:18:01 AM

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महाभियोग प्रस्ताव खारिज, सिब्‍बल ने कहा – फैसला है गैरकानूनी

महाभियोग प्रस्ताव खारिज, सिब्‍बल ने कहा – फैसला है गैरकानूनी

सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव खारिज होने से नाराज पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने इसे गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया है. कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. उन्‍होंने उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू के फैसले पर कहा कि अगर वह तकनीकी पक्ष जानने के लिए वकीलों से बात कर लेते तो शायद यह फैसला नहीं लिया जाता.गौरतलब है कि भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और संविधान के जानकारों से चर्चा के बाद उपराष्ट्रपति ने ये फैसला लिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीजेआई के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार पाए गए, जिसके बाद प्रस्ताव खारिज किया गया. दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति को नोटिस दिया था. विपक्ष के प्रस्ताव पर 7 दलों के 64 सांसदों ने साइन किए थे.राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, नायडू ने याचिका को मंजूर या ठुकराने को लेकर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मल्होत्रा सहित अन्य विशेषज्ञों से कानूनी राय ली थी.महाभियोग नोटिस पर अटॉर्नी जनरल से उपराष्ट्रपति ने ली थी राय
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सीजेआई दीपक मिश्रा को पद से हटाने को लेकर कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों की ओर से दिए गए नोटिस पर संविधानविदों और कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया था. उन्होंने खास तौर पर भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से इस बारे में राय ली थी. जिसके बाद उन्होंने विपक्ष का महाभियोग प्रस्ताव खारिज कर दिया.शुक्रवार को विपक्ष ने उपराष्ट्रपति को सौंपा महाभियोग का नोटिस
कांग्रेस सहित 7 विपक्षी दलों ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ गलत आचरण (कदाचार) का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए नोटिस दिया था. नायडू ने सीजेआई पर लगाए गए विपक्ष के आरोपों को निराधार माना और महाभियोग प्रस्ताव खारिज कर दिया.CJI बने रहे दीपक मिश्रा तो उनकी कोर्ट में कभी नहीं जाऊंगा: कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने सोमवार को ऐलान किया कि अगर जस्टिस दीपक मिश्रा सीजेआई के पद से नहीं हटे, तो वो आगे से कभी भी उनकी कोर्ट में पेश नहीं होंगे. हालांकि, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सीजेआई के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक, कपिल सिब्बल ने सोमवार से सीजेआई की कोर्ट में पेश नहीं होने का ऐलान किया है. उन्होंने कहना है कि जब तक सीजेआई दीपक मिश्रा रिटायर नहीं हो जाते, तब तक वो उनकी कोर्ट में पेश नहीं होंगे. पेशेगत मूल्यों का हवाला देते हुए सिब्बल ने इसकी घोषणा की.’इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक सिब्बल ने कहा,”महाभियोग के ड्राफ्ट पर अलग-अलग पार्टियों के 71 सांसदों ने साइन किए हैं. मेरे अलावा कई लोगों ने सीजेआई को हटाने की मांग की है. मैं सोमवार से कोर्ट नहीं जाऊंगा.”सीजेआई पर महाभियोग लाने के लिए विपक्ष ने दिए थे ये 5 कारण
-विपक्ष ने सीजेआई के खिलाफ पहला आरोप खराब आचरण का लगाया है. कांग्रेस का आरोप है कि सीजेआई दीपक मिश्रा का व्यवहार उनके पद के मुताबिक नहीं है.-विपक्ष ने सीजेआई पर दूसरा आरोप प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट से फायदा उठाने का लगाया है. विपक्ष का आरोप है कि सीजेआई दीपक मिश्रा ने इस मामले में दाखिल सभी याचिकाओं को प्रशासनिक और न्यायिक परिपेक्ष्य में प्रभावित किया.-विपक्ष ने सीजेआई दीपक मिश्रा पर सुप्रीम कोर्ट के रोस्टर में मनमाने तरीके से बदलाव करने का आरोप लगाया है. विपक्ष का कहना है कि सीजेआई ने कई अहम केसों को दूसरे बेंच से बिना कोई वाजिब कारण बताए दूसरे बेंच में शिफ्ट कर दिया.-विपक्ष ने सीजेआई दीपक मिश्रा पर अहम केसों के बंटवारे में भेदभाव का आरोप भी लगाया है. दरअसल, सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज बीएच लोया का केस सीजेआई ने सीनियर जजों के होते हुए जूनियर जज अरुण मिश्रा की बेंच को दे दिया था.विपक्ष ने सीजेआई पर पांचवा आरोप जमीन अधिग्रहण का लगाया है. विपक्ष के मुताबिक, जस्टिस दीपक मिश्रा ने 1985 में एडवोकेट रहते हुए फर्जी एफिडेविट दिखाकर जमीन का अधिग्रहण किया था. एडीएम के आवंटन रद्द करने के बावजूद ऐसा किया गया था. हालांकि, साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद उन्होंने जमीन सरेंडर कर दी थी.

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