Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Monday, July 7, 2025 3:13:00 AM

वीडियो देखें

पानी की किल्लत जूझ रही दिल्ली, टैंकर के इंतजार में बीत रहे लोगों के दिन

पानी की किल्लत जूझ रही दिल्ली, टैंकर के इंतजार में बीत रहे लोगों के दिन

देश की राजधानी दिल्ली में अभी पूरी तरह से गर्मियों की शुरुआत भी नहीं हुई है, लेकिन पानी की किल्लत शुरू हो चुकी है. दिल्ली के कई इलाकों में पानी की भारी किल्लत ने लोगों को अभी से ही परेशान कर रखा है. संगम विहार, आनंद पर्बत, बलजीत नगर, लाडो सराय जैसे इलाकों में न तो सप्लाई का पानी पहुंच रहा है और न ही पानी का टैंकर. हालात ये है कि लोगों को 15-15 दिन के लिए पानी को स्टोर करना पड़ता है. बता दें कि पानी को ज्यादा दिन स्टोर करने की वजह से इसमें कई बार कीड़ें भी पड़ जाते हैं.मुख्यमंत्री से मिला धोखा
आनंद परबत की ज्यादातर गलियों का हाल एक सा ही है. यहां लोगों का गुस्सा सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की तरफ केंद्रित है. इलाके के एक समाज सेवी दिलीप गुप्ता का कहना है, ‘मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि 6 महीने के अंदर हमें पानी देंगे, पर अब तक हम प्यासे हैं, ना वो सुनते हैं और ना ही हमारे विधायक जी, हमें बेवकूफ बनाया मुख्यमंत्री ने, पाइप लाइन है पर पानी नहीं है, ऊपर से टैंकर माफिया, सरकारी बोरिंग पर दबंगों का कब्जा और गंदगी ने जीना मुश्किल कर रखा है.’इसे भी पढ़ें : दिल्‍ली में पानी की किल्‍लत शुरू, BJP ने कहा- केजरीवाल को नहीं परवाह
टैंकर आते ही पड़ोसी बन जाते हैं दुश्मन
समाज किसी भी जाति-समुदाय या जगह का हो, वो आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश देता है. दिल्ली के बलजीत नगर के लोग भी आम तौर पर अपने पड़ोसियों के साथ मिलजुल कर रहते हैं. दुख-सुख में साथ होते हैं, यहां तक कि एक साथ त्योहार भी मनाते हैं और मातम में भी एक दूसरे को सहारा देने का काम करते हैं. लेकिन इस मुहल्ले में जैसे ही दिल्ली जल बोर्ड का पानी टैंकर पहुंचता है यहां की हवा बदल जाती है. भाई चारा चो हवा हो जाता है वहीं नौबत पड़ोसियों में मारपीट की आ जाती है.इस क्षेत्र की एक निवासी गीता देवी का कहना है, ‘पानी का टैंकर आते ही कोई किसी का सगा नहीं होता, सब अपना-अपना पानी भरने में लग जाते हैं, वो पड़ोसी जो हमेशा साथ होता है, वो दुश्मन बन जाता है, खूब लड़ाइयां होती हैं और इसकी जिम्मेदार सरकार है, ऐसी कौन सी समस्या पानी देने में है समझ ही नहीं आता, जब चुनाव आते हैं तो 15 से 20 दिन लगातर पानी आता है, जैसे ही चुनाव खत्म पानी भी बंद, सब चोर हैं, जनता की कोई नहीं सुनता है.’इसे भी पढ़ें : दिल्ली में बढ़ेगी पानी की किल्ल्त, बढ़ते अमोनिया के कारण सप्लाई रोकेगा जल बोर्ड
पानी भरने के चक्कर मे छोड़ी परीक्षा
इन इलाकों में ज्यादातर वो परिवार रहते हैं, जो दूर दराज के गांव से बेहतर जिंदगी का सपना लेकर आए हैं. लेकिन इनको देख कर लगता है कि यहां आकर इनकी जिंदगी केवल पानी के इर्द-गिर्द घूमती है. यहां नौंवी कक्षा में पड़ने वाली कुसुम ने बताया, ‘मेरे पापा हमें बिहार से यहां लेकर आए है कि हमें अच्छी शिक्षा मिलेगी, वो गांव से हैं, पर उनकी सोच ऊंची है, वो हमें पढ़ाना चाहते हैं, पर यहां तो मैंने अपनी नौंवी की परीक्षा दो बार पानी के चक्कर में छोड़ दी है, पहले तो 15-15 दिन पानी नहीं आता, और जब आता है तो इतनी मारा-मारी होती है कि पूछो मत, मां अकेली पड़ जाती है, पानी पर लड़ाई नहीं लड़ पाती है. इसलिए मुझे परीक्षा छोड़ कर पानी भरने के लिए रुकना पड़ता है. हम कैसे जी रहे हैं, ये हम ही जानते हैं.’पांचवी क्लास में पड़ने वाले शुभम भी कई बार स्कूल से छुट्टी कर पानी भरने में मां की मदद करता है. शुभम के लिए तो यह स्कूल ना जाने का बहाना है पर उसकी मां की तकलीफ बढ़ जाती है. उसकी मां ने कहा, ‘इससे अच्छे तो हम गांव में ही थे, यहां जब से आई हूं पति काम पर रहते हैं और मैं दिनभर पानी का डब्बा भरने के लिए परेशान रहती हूं. यहां पर पानी संभाल कर खर्च करने और पानी पर लड़ाई करने में ही रह जाती हूं.’

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *