बहराइच 11 नवम्बर। कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच प्रथम द्वारा इन सीटू फसल अवशेष प्रबंधन पर मंगलवार को राजकीय बीज गोदाम गजाधरपुर फखरपुर पर विकास खंड स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र डा. एम पी सिंह ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से जनमानस के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के संरक्षण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है साथ ही मिट्टी भी अनुपजाऊ हो जाती है।
डा सिंह ने किसानों का आव्हान किया कि फसल अवशेष को खाद के रूप में प्रयोग के गुर सीखे। डा शैलेन्द्र सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन के विभिन्न पहलू पर किसानों को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किसान वेस्ट डिकम्पोजर का प्रयोग करके फसल अवशेष को सड़ा सकते है। केन्द्र के वैज्ञानिक डा आर के पांडेय ने भी फसल अवशेष प्रबन्धन पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। जबकि अंबिका प्रसाद वर्मा ने प्राकृतिक खेती करने पर बल दिया तथा कृषि विभाग के जगदीप कुमार, फूल चंद वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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