आज दारा सिंह चौहान ने आधिकारिक रूप से सपा का दामन थाम लिया है योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले दारा सिंह चौहान ने 12 जनवरी को बीजेपी से इस्तीफा देते हुए सरकार पर दलितों, पिछड़ों और किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था. छात्र राजनीति से राजनीतिक करिअर शुरू करने वाले दारा सिंह चौहान 2015 में बीजेपी में शामिल हुए थे. इससे पहले वो कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में रह चुके हैं.
आपको बता दें कि योगी सरकार से इस्तीफा देने वाले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्मसिंह सैनी के साथ-साथ कई विधायक शुक्रवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे और आज दारा सिंह चौहान ने भी आधिकारिक रूप से सपा को ज्वाइन कर लिया है।
चौहान को दल-बदलने में माहिर माना जाता है. छात्र राजनीति के बाद उन्होंने सबसे पहले कांग्रेस का हाथ पकड़ा फिर बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए . सपा ने 1996 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया और 2006 तक वो राज्यसभा में रहे. बाद में उन्होंने सपा छोड़कर बसपा ज्वाइन कर लिया . बसपा ने उन्हें 2009 के लोकसभा चुनाव में घोसी संसदीय सीट से टिकट दिया और वो पहली बार जीतकर लोकसभा पहुंचे. लेकिन 2014 के चुनाव में मिली हार के बाद उन्होंने बसपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था और इस बार फिर जब चुनाव सिर पर है तो दारा सिंह चौहान ने बीजेपी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है.
चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़ने के सवाल पर दारा सिंह चौहान ने कहा था कि पार्टी ने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया था. लेकिन पिछड़े समाज के लोगों का कोई विकास नहीं हुआ. जबकि इस समुदाय ने बड़ी संख्या में बीजेपी को समर्थन देने का काम किया था. इस वजह से इतने बड़े बहुमत से सरकार बनकर आई. लेकिन दलितों और गरीबों के साथ खिलवाड़ हुआ. ये सभी लोग आज आहत हैं. मैंने इनकी आवाज उचित फोरम पर उठाई, लेकिन जब देखा कि सरकार अनदेखी कर रही है तो मैंने इस्तीफे का फैसला लिया था.
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