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Sunday, February 9, 2025 8:35:21 PM

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धरना के 78वें दिन भू विस्थापितों ने छेरछेरा में मांगा रोजगार, 26 जनवरी को कुसमुंडा खदान के अंदर अपनी जमीन पर फहराएंगे तिरंगा

धरना के 78वें दिन भू विस्थापितों ने छेरछेरा में मांगा रोजगार, 26 जनवरी को कुसमुंडा खदान के अंदर अपनी जमीन पर फहराएंगे तिरंगा
/ / से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार संजय पराते की रिपोर्ट

कुसमुंडा (कोरबा)। कोरबा जिले के कुसमुंडा कोयला क्षेत्र के भूविस्थापित किसानों ने आज छत्तीसगढ़ के महापर्व छेराछेरा के दिन अधिग्रहित जमीन के बदले रोजगार देने की मांग पर कुसमुंडा जीएम संजय मिश्रा के कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा उनके चैम्बर में जाकर छरछेरा में रोजगार की मांग की। माकपा कार्यकर्ता भी भू विस्थापितों के समर्थन में साथ मे थी। इस प्रदर्शन के साथ ही भूविस्थापित किसानों के अनिश्चितकालीन धरना के 78 दिन पूरे हो चुके हैं।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि जमीन अधिग्रहण के चालीस साल बाद भी पुनर्वास और रोजगार का मसला हल नहीं हुआ, क्योंकि केंद्र की भाजपा और राज्य की कांग्रेस सरकार दोनों की नीतियां कॉर्पोरेटपरस्त और किसान विरोधी हैं। दोनों सरकारों ने किसानों की जमीन छीनने का लिए एसईसीएल प्रबंधन का साथ दिया है और आज जब भूविस्थापित अपनी जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे हैं, तो यहीं सरकारें किसानों के खिलाफ प्रबंधन के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। रोजगार की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को माकपा का पूर्ण समर्थन देते हुए उन्होंने कहा कि माकपा संघर्ष के हर चरण में भूविस्थापितों के साथ खड़ी है और भूविस्थापितों की लड़ाई माकपा की लड़ाई है।

रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप ने कहा कुसमुंडा परियोजना के लिए अधिग्रहित गांवो के भूविस्थापित किसान रोजगार के लिए एसईसीएल कार्यालय का चक्कर लगा-लगाकर थक चुके है अब उनके सब्र का बांध टूट चुका है। भू विस्थापितों के सामने अब संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है, क्योंकि अब उन्हें एसईसीएल के वायदे पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि रोजगार मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा और 26 जनवरी को कुसमुंडा खदान के अंदर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को फहराया जाएगा, जिसमे बडी संख्या में भूविस्थापित किसान और अन्य ग्रामीणजन अपने परिवार के साथ उपस्थित रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि अधिग्रहित जमीन के एवज में रोजगार की मांग को लेकर भूविस्थापित किसान एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने 1 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। इस बीच उन्होंने दो बार खदान को 20 घंटे से भी ज्यादा समय तक बंद रखा है और आंदोलनकारियों को प्रशासन द्वारा गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है। इसके बावजूद आंदोलन खत्म होने के कोई आसार नहीं है। एसईसीएल अधिकारियों के किसी भी आश्वासन को मानने के लिए वे तैयार नहीं है।

आज धरना के 78 वें दिन प्रदर्शन में प्रमुख रूप से प्रशांत झा, राधेश्याम कश्यप, जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, पुरषोत्तम कंवर, दिलहरन बिंझवार, दामोदर, मोहनलाल कौशिक, रघु, रेशमलाल यादव, रघुनंदन प्रसाद, नागेश्वर, पंकजकुमार, हेमन साहू, अनिल कुमार, हेमलाल, सनत, कृष्ण कुमार, दीपक कुमार, नरेंद्र कुमार, शिवपाल दास, बजरंग सोनी, दीनानाथ, सागर प्रसाद, रामप्रसाद, माणिक दास, अनिल आदि उपस्थित थे।

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